नई दिल्ली [राजकेश्वर सिंह]। उत्तर प्रदेश विधानसभा में आंकड़ों के खेल में सरकार की सेहत भले ही ठीक हो, लेकिन जनता की सेहत की फिक्र किसे है। कम से कम ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। केंद्र सरकार की नजर में इस मामले में राज्य सरकार का कामकाज बिल्कुल असंतोषजनक है। प्रदेश के लगभग दो सौ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिना डॉक्टरों के और 1929 मातृ-शिशु कल्याण उप केंद्र बिना एएनएम के चल...
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बुढ़ाएगा चीन जवां होंगे हम
नई दिल्ली [अरविंद चतुर्वेदी]। हम नहीं कह रहे हैं। यह चीन के जनसंख्या और विकास शोध केंद्र के महानिदेशक की चिंता है। चीन के मुख-पत्र पीपुल्स डेली में प्रकाशित खबर में महानिदेशक जियांग वीपिंग के हवाले से कहा गया है कि साल 2050 तक चीन का हर चौथा व्यक्ति 65 साल से अधिक उम्र का हो जाएगा। अब हम यह कह रहे हैं कि इस स्थिति में उस समय हिंदुस्तान चीन से ज्यादा युवा देश होगा।...
More »नहीं मिल रहा स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ
मलिहाबाद (लखनऊ), 11 मई : क्षेत्र में ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 42 मातृ शिशु परिवार कल्याण केन्द्र स्थापित किए गए हैं। यह केन्द्र अपने उद्देश्यों से भटक गये हैं। इससे केन्द्रों की सुविधाओं का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। ग्राम नवीनगर, कसमण्डी खुर्द, कसमण्डी कलां व रहीमाबाद केन्द्रों के भवन जीर्ण शीर्ण हैं। 15 केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं। इनकी स्थिति बदतर है। मानक...
More »एक मरीज पर केवल 1.20 रुपए
रायपुर. आंबेडकर अस्पताल को भले ही राज्य का सबसे बड़े सुपर स्पेशलिटी हेल्थ सेंटर का तमगा दिया जाने लगा है, लेकिन मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं के नाम पर पुराना सिस्टम ही चल रहा है। गंभीर किस्म की बीमारियों के इलाज की उम्मीद लेकर आने वालों को यह जानकार हैरानी होगी कि यहां एक मरीज पर सरकार रोजाना केवल 1 रुपए 20 पैसे खर्च कर रही है। राज्य शासन ने अस्पताल का बजट 7 करोड़ तय...
More »भुखमरी कैसे खत्म हो - सचिन कुमार जैन
भुखमरी आज के समाज की एक सच्चाई है परन्तु मध्यप्रदेश के सहरिया आदिवासियों के लिये यह सच्चाई एक मिथक से पैदा हुई, जिन्दगी का अंग बनी और आज भी उनके साथ-साथ चलती है भूख. अफसोस इस बात का है कि सरकार अब जी जान से कोशिश में लगी हुई है कि भूखों की संख्या कम हो. वास्तविकता में भले इसके लिये प्रयास न किये जायें लेकिन कागज में तो सरकार...
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