भोपाल। किसान आंदोलन के दौरान मंदसौर जिले में पुलिस गोलीबारी में मारे गए किसानों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए देने से इंकार कर दिया है। कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव का कहना है कि यह राशि देना उनके अधिकार त्र में नहीं है। इस संबंध में उन्होंने प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। पढ़े पूरी खबर यहां क्लिक करके. ...
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रोजगार सृजन की चुनौती--- अरविन्द जयतिलक
देश की अर्थव्यवस्था भले ही कई देशों के मुकाबले दोगुनी वृद्धि कर रही हो लेकिन युवाओं के लिए रोजगार सृजित करने के मामले में देश पिछड़ रहा है। हाल ही में आर्थिक सहयोग तथा विकास संगठन की ताजा रिपोर्ट ने बताया है कि देश में पंद्रह से उनतीस वर्ष के तीस प्रतिशत से अधिक युवाओं के पास रोजगार नहीं है। पिछले वर्ष श्रम मंत्रालय की इकाई श्रम ब्यूरो के रिपोर्ट...
More »शिक्षा का बाजारवाद-- रमेश दवे
शिक्षा को जब हम अपने अतीत से जोड़ते हैं तो संस्कार की ध्वनि सुनाई देती है, लेकिन जब अपने वर्तमान समय से जोड़ते हैं तो विकार और व्यापार के विज्ञापनों के धमाके सुनने को मिलते हैं। वैश्वीकरण, बाजारवाद और उत्तर-आधुनिकता के इस तरह-तरह की मृत्यु-घोषणा के समय में अगर इतिहास, साहित्य, साहित्यकार या लेखक की मृत्यु पश्चिमी चिंतक घोषित करते रहे हैं, तो क्या यह सच नहीं है कि हम...
More »निजी हाथों में जाएंगे देश के 23 रेलवे स्टेशन
केंद्र सरकार देश के सबसे मशहूर रेलवे स्टेशनों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत इन्हें निजी कंपनियों के हाथों में सौंपने की योजना बना रही है। इस योजना में इन स्टेशन को दोबारा विकसित करने की भी योजना है। पत्रिका डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार इसके लिए 28 जून को ऑनलाइन नीलामी का आयोजन किया जाएगा। नीलामी में उत्तर प्रदेश का कानपुर जंक्शन और इलाहबाद जंक्शन शामिल हैं...
More »विकास की बड़ी जिम्मेदारी है इस आयोग पर-- एन के सिंह
तीन साल पहले योजना आयोग को खत्म करके उसकी जगह एक थिंक टैंक के तौर पर नीति आयोग का गठन किया गया था। आलोचक यह सवाल अब तक उठाते हैं कि क्या यह बदलाव मुनासिब साबित हुआ? इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने से पहले यह बताना चाहूंगा कि योजना आयोग के तीन बुनियादी काम थे। पहला, केंद्र और राज्यों के बीच सेतु का काम करना। दूसरा, हमारी विकास संबंधी नीतियों...
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