हमारे देश में कई जगहों पर आज भी बेटियों को उपेक्षित जिंदगी जीनी पड़ती है. कहीं उन्हें जन्म लेने से पहले गर्भ में ही मार डाला जाता है, तो कहीं जन्म लेते ही भगवान भरोसे लावारिस छोड़ दिया जाता है. लेकिन तमिलनाडु सरकार की एक योजना के तहत उपेक्षित कन्या शिशुओं को एक बेहतर जिंदगी मयस्सर करायी जा रही है. राजीव चौबे तमिल नाडु के नामक्कल जिले में स्थित अन्नाई मथाम्मल शीला...
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2 महीने पहले पता चल जाएगा कम हो रहा बच्चे का वजन
ग्वालियर (ब्यूरो)। आंगनवाड़ी आने वाले यदि किसी भी बच्चे का वजन कम होता है या वह कुपोषण का शिकार हो रहा है तो इसकी जानकारी अब अधिकारियों तक तत्काल पहुंचेगी। ग्वालियर संभाग में महिला एवं बाल विकास विभाग ने एक ऐसा सॉफ्वेयर तैयार किया है, जिसमें ऐसे बच्चों की जानकारी ब्लॉक स्तर पर फीड की जाएगी। सॉफ्टवेयर की मदद से किसी भी आंगनवाड़ी के बच्चे का वजन कम होता है या...
More »जच्चा-बच्चा योजना बनाने सात माह में भी नहीं जुटे अफसर
भोलाराम सिन्हा, रायपुर। छत्तीसगढ़ में आर्थिक दृष्टि से कमजोर गर्भवती महिलाओं की गर्भावस्था के दौरान देखभाल और स्वस्थ शिशु के जन्म के लिए राज्य सरकार सात महीने में भी योजना नहीं बना पाई है। इस संबंध में विभिन्न विभागों की मदद ली जानी है, लेकिन संबंधित विभाग के अफसर योजना का प्रारूप तैयार करने के लिए बुलाई गई बैठकों में दिलचस्पी नहीं हो रहे हैं। अफसर सात महीने में भी...
More »देवास के पास विक्रमपुर में अज्ञात बीमारी से 400 बीमार
कन्नौद (देवास) (निप्र)। तीन हजार की आबादी वाले ग्राम विक्रमपुर के लोग करीब 25 दिनों से अज्ञात बीमारी की चपेट में हैं। एक सप्ताह में 2 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि मंगलवार को 3 मरीजों को देवास रैफर किया गया। बीएमओ के अनुसार लगभग चार सौ लोग हाथ-पैर दर्द, सर्दी-खांसी व बुखार से पीड़ित हैं। अज्ञात बीमारी से ग्रामीणों में भय व्याप्त है। एक सप्ताह में बीमारी से शांताबाई...
More »सरकार और अदालत के दायरे - जगदीप धनकड़
यदि हाल के दिनों में मीडिया में आई खबरों और रिपोर्टों की मानें तो कहा जा सकता है कि न्यायिक सक्रियता अपने चरम पर है। मीडिया में अकसर इस आशय की खबरें छपती हैं कि अदालत ने फलां मामले में सरकार को आड़े हाथों लिया है या उसे लताड़ लगाई है। कई मामलों में तो अदालत ने विपक्षी दलों से भी ज्यादा सरकार की मुखालफत की है। कभी-कभी ऐसा भी...
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