भोपाल। मई में बिजली के दाम बढऩे के बाद राज्य सरकार ने भी गरीबों, किसानों और छोटे पॉवरलूम संचालकों दी जाने वाली सब्सिडी की कुल रकम में 64 करोड़ रुपए का इजाफा कर दिया है। बीते साल सरकार ने 1612 करोड़ रुपए सब्सिडी दी थी अब यह राशि 1776 करोड़ रुपए हो गई है। मंगलवार को कैबिनेट ने वृद्धि को मंजूरी दे दी। वर्ष 2011-12 के पहले पूरक बजट को भी...
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‘खुले में क्यों पड़ा है गेहूं?’
जबलपुर. एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केन्द्र व राज्य सरकार से पूछा है कि किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदा गया गेहूं क्यों पड़ा है? चीफ जस्टिस एसआर आलम और जस्टिस आलोक अराधे की युगलपीठ ने मामले पर भारत सरकार और राज्य सरकार सहित चार को तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। पाटन तहसील के अंतर्गत कटंगी रोड निवासी अमित कुमार प्यासी की ओर से दायर...
More »अब परतें खुल रही हैं, क्यों हुई मप्र में गेहूं की बंपर खरीद
जागरण ब्यूरो, भोपाल। इस बार मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं की बंपर खरीद कैसे हुई, यह अब धीरे-धीरे सामने आने लगा है। एक किसान के पास दस एकड़ से भी कम रकबा है पर उससे सरकार ने 800 क्िवटल गेहूं खरीद लिया। जाहिर है सरकारी मशीनरी की मिलीभगत से व्यापारी अपना काम निकालने में सफल हो गए। हरदा जिले का मामला यह बताने के लिए पर्याप्त है कि बंपर...
More »खाद्य वस्तुओं की सट्टेबाजी रोकने के लिए समझौता
पेरिसः विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के कृषि मंत्री सट्टेबाजी पर रोक लगाने के लिए कार्रवाई करने पर सहमत हुए हैं. सट्टेबाजी को कृषि जिंसों की मूल्य वृद्धि का प्रमुख कारण समझा जाता है जिसका असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ता है तथा समाज में अशांति पनपती है. अमेरिकी कृषि मंत्री टॉम विलसाक ने बयान में कहा, भूख से निबटने तथा खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव को रोकने के...
More »बारिश से करोड़ों का गेहूं खराब होने की कगार पर
भोपाल. अगर तुरंत इंतजाम नहीं किए गए तो प्रदेश में करीब 317 करोड़ का ढाई लाख मीट्रिक टन गेहूं खराब हो जाएगा। बता दें कि इस साल प्रदेश में समर्थन मूल्य (1270 रुपए) पर 49 लाख मीट्रिक टन गेहूं की रिकॉर्ड खरीदी हुई है। इसमें से करीब ढाई लाख मीट्रिक टन गेहूं खुले में पड़ा है और मानसून पूर्व की झमाझम ने इसे बर्बादी की कगार पर ला दिया है। बीते...
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