भोपाल.राज्य सरकार अब बिना बारदाने के भी गेहूं खरीदेगी। इसकी शुरुआत सीहोर, होशंगाबाद, हरदा और धार समेत उन जिलों से होगी, जहां गेहूं की आवक ज्यादा है। जरूरत पड़ी तो जिलों की संख्या बढ़ा दी जाएगी। किसानों को एसएमएस कर बुलाया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो खरीदी की तारीख 31 मई के बाद भी बढ़ा दी जाएगी। इस संबंध में रेडियो...
More »SEARCH RESULT
अवैध कब्जों पर अब होगी कार्रवाई!
देहरादून। राजपुर रोड पर सिंचाई विभाग की करोड़ों रुपये की जमीन पर अवैध कब्जों के मामले में शासन ने विभागीय मुख्य अभियंता को कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। अब विभाग के स्तर पर अतिक्रमण की मौजूदा स्थिति पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसके बाद अगला कदम उठाया जाएगा। राजपुर रोड पर विभाग की जमीन पर कब्जों की जिला प्रशासन ने जांच की थी। अवैध कब्जा करने वाले 38 लोगों...
More »पानी की कमी से जूझ रहे इंसान, फाइलों में बंद योजनाएं
शिमला. प्रदेश की 28 पेयजल योजनाएं नाबार्ड के पास लटकी हुई हैं। ये सभी ऐसी योजनाएं हैं, जिसे विधायकों ने प्राथमिकता में डाल रखा था। विधानसभा और अन्य मंचों पर मामला उठने के बाद भी जनता को निराशा ही हाथ लगी है। इससे कई क्षेत्र अब भी पानी की कमी से जूझ रहे हैं। नाबार्ड ने अब तक इन योजनाओं पर गौर तक नहीं किया है, वहीं सरकार ने भी योजनाएं...
More »क्यों गायब हो रहे हैं छोटे किसान - सुभाष चंद्र कुशवाहा
आर्थिक उदारीकरण में खेती-किसानी को कहीं भी महत्व नहीं दिया जाता। लेकिन भारत में कृषि नीति के प्रति सरकार की लगातार उदासीनता इसलिए घातक है कि सेवा क्षेत्र के विकास के बावजूद कृषि क्षेत्र आज भी अर्थव्यवस्था की धुरी है। यह हताशाजनक ही है कि सरकार बजट-दर-बजट खेती-किसानी को घाटे का सौदा साबित करने पर तुली है। बाहरी दबावों और कॉरपोरेट हितों के लिए कृषि क्षेत्र को तबाह करने का...
More »क्यों बढ़ रहा है जल-संकट? -- बाबा मायाराम
पिछले कुछ सालों में मध्यप्रदेष समेत देष भर में पानी का संकट बढ़ा है। यह समस्या प्रकृति से ज्यादा मानव-निर्मित है। वर्षा की कमी के साथ, वनों की अवैध कटाई, पुराने तालाबों पर अतिक्रमण, गाद भरने से सरोवरों की भंडारण क्षमता में कमी, पानी की फिजूलखर्ची, नदी, जलाषयों का पानी औद्योगिक इकाईयों को देने व षहरों के प्रदूषित पानी को नदियों के प्रदूषण और भूजल को बेतहाषा दोहन से समस्या...
More »