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मुफ्त की शिक्षा या मुनाफे का धंधा- यूपी के शिक्षा विभाग के बारे में कोबरापोस्ट का सनसनीखेज खुलासा

भले ही शिक्षा का अधिकार कानून में 14 साल तक बच्चों के लिए अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा के तहत बच्चों को स्कूली पोशाक निशुल्क देने का प्रावधान है लेकिन बात उत्तरप्रदेश के शिक्षा विभाग की हो तो यही नियम उलट जाता है। यूपी के शिक्षा विभाग के ओहदेदार मुफ्त पोशाक को मुनाफे का धंधा समझते हैं और निशुल्क पोशाक का प्रावधान लागू करने के लिए अपना खास निजी शुल्क वसूलते हैं।...

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मध्यप्रदेश की आंगनवाड़ि‍यों में अंडा बैन नहीं है : मंत्री मेहदेले

राजीव सोनी, भोपाल। उद्यानिकी, कुटीर और ग्रामोद्योग मंत्री कुसुम सिंह मेहदेले ने कहा कि आंगनवाड़ी में अंडा बैन नहीं है। उन्‍होंने कहा मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सही कह रहे हैं और मैं भी। जो मांसाहारी हैं वे अंडा खाएं और जो शाकाहारी हैं वे दूध पिएं। इसमें क्‍या दिक्‍कत है। मंत्री मेहदेले ने कहा है कि एक जुलाई से मध्यप्रदेश उद्यानिकी स्वर्ण क्रांति अभियान और ग्रामोद्योग ग्लोबल परियोजना शुरू की...

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साक्षर भारत कार्यक्रम अब सिर्फ अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं- मदन जैड़ा

स्कूल नहीं जा पाने वाले किशोरों और पढ़ाई की उम्र पार कर चुके अन्य लोगों को साक्षर बनाने के लिए शुरू किए गए साक्षर भारत कार्यक्रम का रूप बदल गया है। अब यह सिर्फ अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि एक व्यापक शिक्षा कार्यक्रम में तब्दील हो चुका है। इस कार्यक्रम में चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी साक्षरता, विधिक साक्षरता, डिजिटल साक्षरता के बाद अब वित्तीय साक्षरता का विषय भी...

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योग कारोबार को मिलेगा रियायतों का तोहफा

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस सफलतापूर्वक आयोजित करने के बाद केंद्र सरकार योग को बढ़ावा देने के लिए सिर्फ जुबानी जमा खर्च नहीं करने जा रही बल्कि इन्हें प्रोत्साहित करने के लिए अहम घोषणा करने की भी तैयारी में है। सरकार बहुत जल्द ही न सिर्फ योग से जुड़े उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए खास रियायतों की घोषणा करेगी, बल्कि महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया कार्यक्रम के...

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आपातकाल से हमने क्या सीखा- नीलांजन मुखोपाध्याय

किसी भी देश में थानेदार मानसिकता वाले लोगों की बड़ी संख्या आपको मिल जाएगी। भारत में इस तरह की सोच दरअसल औपनिवेशिक मानसिकता वाले ऐसे लोगों के जरिये आई है, जिन्हें अंग्रेजों ने स्थानीय स्तर पर महत्वपूर्ण पदों पर बिठाया था। स्थानीय थाने के वे दारोगा हमारे आदर्श बने, जिनके पास निरंकुश क्षमता थी और जिन्हें अपने अधीनस्थों को किसी भी किस्म की सफाई देने की जरूरत नहीं थी। गणतंत्र...

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