महाराष्ट्र के पुणे जिले के मुलशी तालुका में साल 1990 में जब टेमघर बांध बना था तो इस जगह रहने वाले लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा था। उसके बाद से लेकर अब तक इस इलाके में कोई पानी की पाइपलाइन नहीं डाली गई। वेगारे, धनौरी और मंडवखड़क इलाके की महिलाओं को कुएं से पानी लाने के लिए 2-4 किलोमीटर पैदल जाना पड़ता है। लेकिन 26 साल बाद यहां...
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हमारी धरती दिनो-दिन होती जा रही है बीमार-- डा. मेहता नागेन्द्र सिंह
हमारी धरती खुद बीमार चल रही है. यह बीमारी हर दिन गहराती जा रही है. इसकी कई वजहें हैं. ओजोन परत में छेद, आम्लिक वर्षा और आपदाएं भी घी में आग जैसा काम करती हैं. इन सभी कारणों के मूल में सबसे भयावह वैचारिक प्रदूषण है जो आदमी और धरती, खासकर प्रकृति व पर्यावरण के बीच स्थापित संबंधों में विकृति व कटुता पैदा करने में पीछे नहीं है. वस्तुत:...
More »भूख में तनी हुई मुट्ठी का नाम...-- रविभूषण
धूमिल (9 नवंबर 1936-10 फरवरी 1975) ने लिखा था, 'भूख से रियाती हुई फैली हथेली का नाम दया है, और भूख में तनी मुट्ठी का नाम नक्सलबाड़ी है' (नक्सलबाड़ी कविता, संसद से सड़क तक, 1972 में संकलित). बाद में नागार्जुन ने अपनी एक कविता में यह सवाल किया, 'भुक्खड़ के हाथों में यह बंदूक कहां से आई?' भारतीय राजनीति पर फरवरी 1967 के लोकसभा चुनाव का रैडिकल प्रभाव पड़ा. पश्चिम...
More »विश्व पर्यावरण दिवस : खत्म हो रही है मिट्टी की आत्मा,10 फीसदी बचे केंचुए
भोपाल। बरसात की फुहारें पड़ते ही घर-आंगन में रेंगने वाला देशी केंचुआ अब नहीं दिखता। पहले खेत के एक वर्गमीटर क्षेत्र में करीब 100 केंचुएं मिल जाते थे,आज यह संख्या महज 10 से 15 ही बची है। मिट्टी की 'आत्मा" इस जीव का वजूद फसलों में जहरीली खाद,कीटनाशक के बेजा इस्तेमाल देने से खत्म होने की कगार पर है। इसी तरह पहले एक चम्मच मिट्टी में लाखों पोषक तत्व मिलते...
More »किसान साधन-संपन्न, धान पर नहीं देंगे बोनस: मंत्री
बिलासपुर । सहकारिता मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि किसानों को बोनस नहीं देंगे। प्रदेश के किसान साधन संपन्न हैं। वैसे भी राज्य सरकार कई ऐसी योजनाओं के माध्यम से किसानों को सीधा फायदा पहुंच रही है। जब उनको फायदा पहुंचाया जा रहा है तो बोनस की जरूरत ही कहां है। सहकारिता मंत्री श्री बघेल रविवार को छत्तीसगढ़ भवन में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। वे लोक सुराज अभियान में...
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