लापोड़िया और रामगढ़ की कहानी देश में चौतरफा फैले जल संकट का समाधान तो सुझाती ही है, लेकिन उससे भी बढ़कर सामाजिक समानता की नींव पर बने एक प्रगतिशील समाज का सपना भी साकार करती है. रिपोर्ट और फोटो: प्रियंका दुबे ऐसे समय में जब पानी की किल्लत दिल्ली-मुंबई से लेकर जयपुर तक सैकड़ों भारतीय शहरों को सूखे नलों के मकड़जाल और अनंत प्रतीक्षा के रेगिस्तान में तब्दील कर रही है,...
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कॉटन का निर्यात 31 फीसदी घटा, आयात बढ़ा
सूरते हाल मार्केटिंग वर्ष 2012-13 के दौरान देश का कॉटन निर्यात निर्यात घटकर 9.8 मिलियन बेल्स रह गया मार्केटिंग वर्ष 2011-12 के दौरान 14.17 मिलियन बेल्स का निर्यात किया गया था। पिछले महीने समाप्त हुए 2012-13 मार्केटिंग वर्ष के दौरान देश के कॉटन निर्यात में 31 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। इस अवधि के दौरान कॉटन निर्यात घटकर 9.8 मिलियन बेल्स रह गया। हालांकि समान अवधि के दौरान आयात बढ़कर 1.47...
More »चाइनीज राखियों से तबाह हो रहा घरेलू कुटीर उद्योग
आयातित राखियों से सरकार को खास आमदनी नहीं हो रही है, क्योंकि एक कंटेनर माल को दिखाया जाता है महज कुछ सौ डॉलर का अगर सही इम्पोर्ट ड्यूटी व टैक्स चुकाया जाए तो चीन की राखियां काफी महंगी पड़ेंगी, लेकिन ये मंगवाई जाती हैं अंडर इनवाइस पर राखी का कोई स्पेसिफिक रेट नहीं, इसलिए कस्टम वाले भी कुछ नहीं कर सकते हैं इस बार आप जब राखी खरीदने बाजार जाएंगे तो कुछ ज्यादा...
More »पुलिस सुधार की मरीचिका- सत्येंद्र रंजन
जनसत्ता 12 अगस्त, 2013: सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से पुलिस सुधारों का मुद्दा फिर चर्चा में है। सात साल पहले सर्वोच्च न्यायालय ने पुलिस सुधारों के बारे में व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए थे। लेकिन उसका क्या अंजाम हुआ यह इस मामले में न्यायमित्र (एमिकस क्यूरे) की भूमिका निभा रहे महाधिवक्ता जीएम वाहनवती द्वारा न्यायालय को दी गई इस सूचना से जाहिर है कि राज्य सरकारों ने पुलिस सुधारों पर मामूली...
More »ग्राम सभाएं दिलायेंगी असली आजादी
कहते हैं लोक सभा न विधान सभा, सबसे ऊंची ग्राम सभा. इस बात को ओड़िशा के नियमगिरि पहाड़ पर खनन रोकने से संबंधित ग्राम सभा के फैसलों ने और पुष्ट किया है. वेदांता जैसी बड़ी वैश्विक कंपनी को ग्राम सभा के फैसलों के आगे झुकना पड़ रहा है. मगर अपने राज्य झारखंड में गांव के लोगों ने अब तक ग्राम सभा की ताकत को नहीं पहचाना है. पंचायती राज के हक...
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