आंध्र प्रदेश का एक छोटा सा गांव अब पूरे देश को रास्ता दिखा रहा है। खास बात यह है कि यह ३४ महिला किसानों की एक पहल है। इन किसानों ने एक अनाज बैंक बनाया है, जो अपने-आप में एक अनूठा उदाहरण है। यह पहल यह साबित करती है कि अगर परंपरागत ज्ञान को ठीक से प्रोत्साहित किया जाए, तो उससे गरीब लोगों की आजीविका के लिए टिकाऊ ज़रिए विकसित...
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किसानों के हितों से समझौता न किया जाए
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि घातक फ़ंगस यानि फफूंद की एक नई ज़हरीली किस्म दुनिया की गेहूं की आपूर्ति के लिए बड़ा ख़तरा बन सकती है. रुस में हुई एक बैठक के बाद शोधकर्त्ताओं ने इस ख़तरनाक किस्म की फफूंद के बारे में नई जानकारियां दी हैं. उनके मुताबिक कुछ देशों में इस घातक फफूंद ने क़रीब 80 फ़ीसदी तक गेहूं की फ़सल तबाह कर दी है. यूजी99 नाम की ये भूरे रंग की फफूंद एक...
More »कागजों में पक रहे पोषाहार के दाने
जोधपुर. राज्य सरकार ने भले ही गर्मी की छुट्टियों में ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील योजना के तहत पोषाहार खिलाने का आदेश कर दिया हो, लेकिन हकीकत में बच्चे पोषाहार खाने आ ही नहीं रहे हैं, जबकि शिक्षक कागजों में विद्यार्थियों की 50 से 80 फीसदी उपस्थिति बताकर स्कूलों में खाना बना रहे हैं। अकाल की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग को सभी सरकारी विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश...
More »100 दिन नहीं, उम्रभर रोजगार की गारंटी
बिलासपुर. रोजगार गारंटी योजना का मकसद हर हाथ को कम से कम 100 दिनों का रोजगार दिलाना है, लेकिन बिलासपुर जिले के एक गांव ने इस योजना के मायने ही बदल दिए हैं। यहां के लोगों को 100 दिन नहीं, बल्कि पूरी उम्रभर के लिए रोजगार मिल गया है। योजना पर इस तरह से काम किया गया है कि ग्रामीण जब तक चाहें 101 रुपए हर रोज के हिसाब से आय...
More »एहू साल अंगना में नाव चली बबुआ
मुजफ्फरपुर [जाटी]। एहू साल अंगना में नाव चली बबुआ, खेत पथार डूबी, जानो बची कि ना, भगवाने मालिक बारन। यह दर्द है गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कमला, कोसी, भुतही और अधवारा समूह की नदियों के किनारे बसे उन सैकड़ों गांवों के हजारों ग्रामीणों का, जिनके बचाव के लिए कभी कुछ नहीं किया गया। इस बार भी वे खुद को लावारिस ही पा रहे हैं। वैशाख में ही जेठ की तपती गरमी के बावजूद लोग संभावित बाढ़...
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