वाशिंगटन। संयुक्त राष्ट्र के एक जलवायु विशेषज्ञ ने अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में अंटाकर्टिका जैसी ठंड पड़ने पर चेतावनी दी है। उनका कहना है कि यह एक छोटे हिमयुग की शुरुआत हो सकती है। आने वाला समय में सर्दी और बेदर्द होगी। साथ ही मैदानी इलाकों में भी हिमपात का अनुपात बढ़ेगा। जर्मनी की केल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण परिवर्तन की रिपोर्ट के लेखक मोजिब लातिफ अगले 30 साल...
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सस्पेंड नहीं सीधे बर्खास्त होंगे शिक्षक
भोपाल। बार-बार समझाने के बाद भी मनमानी करने वाले शिक्षकों को स्कूल शिक्षा विभाग अब निलंबित कर घर बैठे वेतन नहीं देगा। अब ऐसे शिक्षकों के खिलाफ ज्यादा सख्ती करते हुए पहले तो मौके पर ही अर्थ दंड दिया जाएगा। इसके बाद भी रवैया न बदलने वाले शिक्षकों को फाइल फायनल कर हमेशा के लिए घर बैठा दिया जाएगा। लोक शिक्षण संचालनालय ने इस संबंध में सभी संभागीय एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश...
More »पंजाब में एक व्यक्ति पी रहा 11.45 बोतल शराब
संगरूर . शराब सेहत के लिए हानिकारक है, भले ही इसका कितना भी प्रचार किया जा रहा हो, परन्तु राज्य के लोग शराब पीने में नंबर- 1 बनते जा रहे हैं। सूचना अधिकार एक्ट के तहत मांगी गई जानकारी में यह खुलासा हुआ है कि वर्ष 2008 —09 में राज्य में इतनी शराब बेची गई, जिसका राज्य में एक व्यक्ति के हिस्से में 11.45 बोतल आ रही हैं। पीपल फॉर ट्रांसपेसी के प्रतिनिधि कमल...
More »जलवायु परिवर्तन का जानलेवा असर बच्चों पर
बच्चे जलवायु-परिवर्तन के जिम्मेदार तो नहीं हैं लेकिन जलवायु परिवर्तन की सबसे गहरी चोट उन्हीं को लगेगी। जलवायु-परिवर्तन से बच्चों की जिन्दगी को सबसे ज्यादा खतरा है।बाल अधिकारों की वैश्विक संस्था सेव द चिल्ड्रेन द्वारा जारी फीलिंग द हीट-चाइल्ड सरवाईवल इन चेजिंग क्लाइमेट नामक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर बच्चों की सेहत को सबसे बड़ा खतरा जलवायु परिवर्तन से है।(देखें नीचे दी गई लिंक) रिपोर्ट...
More »बाल-अधिकारों के बीस बरस
बाल-अधिकारों के बीस बरस बाल अधिकारों की वैश्विक स्वीकृति से जुड़े कन्वेंशन को दो दशक होने को आये लेकिन दुनिया आज भी बच्चों के लिए इस धरती को एक बेहतर, ज्यादा सुरक्षित और सेहतकारी बनाने के लक्ष्य से बहुत दूर है। इस दिशा में सबसे बड़ी चुनौती दक्षिण एशिया और उप सहारीय अफ्रीका में मौजूद है जहां प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा और शिक्षा का अभाव है और गरीबी,बीमारी,शोषण तथा बच्चों के साथ दुर्व्यवहार की समस्या आज भी गंभीर...
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