SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 697

रत्नों के धंधेबाजों का भांडा फोड़ने वाले थे नरेन्द्र दाभोलकर

पुणे। अपनी हत्या के पहले सामाजिक आंदोलनकारी नरेंद्र दाभोलकर ने एक और भंडाफोड़ू मुहिम की योजना बनाई थी। वे नामनिहाद ज्योतिषियों के रत्नों और ‘पत्थरों’ के जबरदस्त कारोबार के खिलाफ अभियान छेड़ना चाहते थे, ताकि लोगों को इनकी असलियत का पता चल सके। पुलिस को शक है कि इस गोरखधंधे से जुड़े लोग भी वारदात में शामिल हो सकते हैं। गुरुवार को उनकी संस्था महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (मानस) के पुणे...

More »

पत्रकारिता का लाइसेंस क्यों?- उर्मिलेश

जनसत्ता 22 अगस्त, 2013 :  भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष जस्टिस मार्कंडेय काटजू काफी दिनों से पत्रकारिता की तुलना वकालत और डॉक्टरी आदि जैसे पेशों से करते आ रहे हैं।उनका तर्क है कि अन्य सभी पेशों के लिए कुछ न कुछ योग्यता तय है। पर पत्रकार कोई भी बन जाता है!  पांच-छह महीने पहले उनके इस आशय के बयानों पर काफी विवाद हुआ तो विस्तृत रिपोर्ट और सुझाव देने के लिए उन्होंने...

More »

लोहा नहीं अनाज चाहिए- विनोद कुमार

जनसत्ता 20 अगस्त, 2013 :  झारखंड बनने के बाद प्रभु वर्ग ने इस बात को काफी जोर-शोर से प्रचारित-प्रसारित किया है कि झारखंड का विकास और झारखंडी जनता का कल्याण उद्योगों से ही हो सकता है और खनिज संपदा से भरपूर झारखंड में इसकी अपार संभावनाएं हैं। यह प्रचार कुछ इस अंदाज में किया जाता है मानो झारखंड में पहली बार औद्योगीकरण होने जा रहा है। हकीकत यह है कि...

More »

सवाल भरोसा बहाल करने का है- योगेन्द्र यादव

सूचना का अधिकार कानून (आरटीआइ) में बदलाव के लिए पेश हुए बिल पर अगले हफ्ते बहस होनी है, लेकिन फैसला सबको मालूम है. कानून में बदलाव के मुद्दे पर सारे दल एकजुट हैं, सो संशोधन होकर रहेगा. मंशा कानून को ऐसे बदलने की है कि राजनीतिक दल आरटीआइ के घेरे में आने से बचे रहें. पार्टियों के इस रवैये से आम आदमी को एक बार फिर लगेगा कि कायदे-कानून सिर्फ...

More »

नियमगिरि की जीत देश के हर गांव की जीत है : निखिल डे

जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने नियामगिरी के निर्णय को काफी अहम बताया है. उन्होंने कहा कि यह मानकर चलना कि दिल्ली में बैठकर कुछ अधिकारियों द्वारा या कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा गांव के लोगों के विकास के लिए लिया गया फैसला बिल्कुल सही है, और ग्रामसभा जो कि अपने गांव के विकास के लिए इन फैसलो का विरोध करती है, वह गलत है, एक तरह से उनकी समझ पर सवाल...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close