हरियाणा में आरक्षण की मांग को लेकर जाट प्रदर्शनकारियों ने जैसा खौफनाक कहर ढाया और आंदोलन के नाम पर जातीय दंगे सरीखे जो हालात उत्पन्न् किए, उसकी जितनी भर्त्सना की जाए, कम है। आरक्षण आंदोलन का ऐसा भयावह हश्र समाज और राजनीतिक दलों के साथ-साथ नीति-नियंताओं को आगाह करने वाला भी है। आरक्षण की जाटों की मांग नई नहीं है। वे 1995 से ही आरक्षण की मांग करते चले आ...
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टैक्स इतना ले लिया, दोगे कितना!-- अनिल रघुराज
आजाद भारत का पहला बजट नवंबर 1947 में पेश किया था. तब से लेकर अब तक के 68 सालों में अगर देश के कोने-कोने तक सड़क, बिजली, पानी व सिंचाई का भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा व स्वास्थ्य जैसा सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं पहुंचा है, तो इसके लिए हम और हमारे बाप-दादा ही दोषी हैं. हम सिर नीचा किये गाय की तरह घास चरते रहे. कभी सिर उठा कर पूछा नहीं कि...
More »किसानों के मन का बजट-- के सी त्यागी
बजट का इंतजार सबको है। खासकर ग्रामीण और कृषक वर्गों में इसकी बेसब्री ज्यादा है। उनके लिए यह बजट ‘रक्षक' या ‘भक्षक' की भूमिका निभाने वाला होगा, क्योंकि पिछले दो बजट में किसानों के लिए कुछ खास नहीं था। आम चुनाव के दौरान किए गए वादों ने उनमें खासा उत्साह भरा था, लेकिन धरातल अनछुआ रह गया। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा 50 फीसदी लाभकारी मूल्य देने की...
More »आधार कार्ड को सांविधिक मान्यता दिलाने को बनेगा कानूनः जेटली
सरकार ने आधार को सांविधिक दर्जा दिलाने का निर्णय लिया है ताकि यह सुनिश्चित हो कि सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी का फायदा सीधा जरूरतमंदों के खाते में पहुंचाने की विधिवत व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को 2016-17 का आम बजट पेश करते हुए कहा, हम कानून पारित करने समेत महत्वपूर्ण सुधार करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आधार मंच को सांविधिक...
More »बजट 2016: अरुण जेटली के पिटारे से शिक्षा को मिला क्या?
बजट 2016 पेश किया जा चुका है। इसमें सबसे अधिक बजट कृषि के लिए आवंटित किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार ने कुछ खास कदम उठाने की बात कही है। देश में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए और सर्व शिक्षा अभियान को ध्यान में रखते हुए आने वाले दो सालों में 62 नए नवोदय विद्यालय खोलने की योजना है। साथ ही दस सरकारी और दस निजी संस्थाों...
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