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एमनेस्टी ने की भारत में बढ़ती असहिष्णुता की निंदा

लंदन। एमनेस्टी इंटरनेशन ने भारत में असहिष्णुता बढ़ने की निंदा की है। अपनी रिपोर्ट में इसने कहा है कि भारतीय अधिकारी धार्मिक हिंसा की घटनाओं पर रोक लगाने में विफल हैं। तनाव पैदा करने वाले भड़काऊ भाषण की निंदा करते हुए एमनेस्टी ने कहा है कि बढ़ती असहिष्णुता का शिकार पत्रकार, लेखक, कलाकार और मनवाधिकार कार्यकर्ता होते हैं। इस मानवाधिकार संगठन ने 2015-16 के लिए अपनी सालाना रिपोर्ट में आजादी पर...

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खुली बहस के परे कोई भी विषय नहीं - मृणाल पांडे

ऋग्वेद (8, 2, 24) में मनुष्य देवताओं से पूछते हैं कि सत्य का साक्षात करने वाले ऋषि तो रहे नहीं, आने वाले समय में उनकी जगह कौन लेगा? देवताओं का जवाब है, आने वाले काल में समान स्तर के अनेक ज्ञानी जब बैठकर अपने-अपने ऊह (तर्क) और अपोह (प्रतितर्क) से हर विषय पर बहस को आगे बढ़ाएंगे तो उनके समवेत तर्क-वितर्क ही अंतिम सच का निर्णय करेंगे। एक अग्रगामी लोकतंत्र...

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युवा, लाभांश और देश का भविष्य- संदीप मानुधने

देश में कहीं भी जाइये, चारों ओर अगर चुनौतियों के अलावा कोई और चीज साफ नजर आयेगी, तो वह है युवा! हर युवा की आंखों में एक चमक है- कोई अपना स्टार्टअप करके देश बदलने का स्वप्न देख रहा है (आखिर इस साल की ताजतरीन मिठाई जो ठहरी!), कोई विदेश जाने का (इतनी अच्छी लाइफ यहां कैसे मिलेगी!), तो कोई आइएएस बन कर प्रशासनिक क्रांति लाने का सपना देख रहा...

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'तीन से पांच साल तक सस्ता रहेगा कच्चा तेल'

नई दिल्ली। कच्चे तेल के अगले तीन से पांच सालों में सस्ता बने रहने की उम्मीद है। इससे कच्चा तेल आयात करने वाली भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं को फायदा होगा। दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के मालिक व रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुखिया मुकेश अंबानी ने यह बात कही। उनके मुताबिक, यह दुनिया में पहली बार हो रहा है कि ज्यादा आपूर्ति के कारण क्रूड कीमतें कम बनी हुई हैं। एक चैनल...

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मौजूदा विकास मॉडल में गांवों की जगह- मुकुल श्रीवास्तव

खुली अर्थव्यवस्था, खर्च करने के लिए तैयार विशाल आबादी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था-ये सारी चीजें एक ऐसे भारत का निर्माण कर रही हैं, जहां व्यापार करने की अपार संभावनाएं हैं। इसके बावजूद आंकड़ों में अभी भारत बहुराष्ट्रीय कंपनियों के व्यापार के लिए आदर्श देश नहीं बन पाया है। मॉर्गन स्टेनली की ताजा रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के शहर अब भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे...

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