SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 6625

जल्दी मानसून से खरीफ फसलों को काफी फायदा

धान की बुवाई का काम तेज, दलहन बोने के लिए भी सही जल्दी मानसून आने से खरीफ की फसलों जैसे धान, दलहन और तिलहन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। सरकार ने कहा है कि जल्दी मानसून के चलते कृषि क्षेत्र की उत्पादकता ऐसे समय में बढ़ेगी, जब अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है। मानसून पूरे देश में करीब एक माह पहले ही सक्रिय हो चुका है। देश में सामान्य...

More »

110 गांवों पर गिरा लहरों का कहर..

यमुनानगर/पानीपत/करनाल. मानसून के दस्तक देते ही उफनी यमुना से प्रदेश में बाढ़ आ गई है। हरियाणा के करीब 110 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। अगर यमुना का जलस्तर और बढ़ता है तो यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिले की नौ विधानसभा क्षेत्र में आने वाले 500 गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो जाएगा। इन सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।   अंबाला में भारतीय सेना...

More »

महंगाई के फिर लौटने का खतरा

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। हाल के कुछ हफ्तों के दौरान थोक उत्पादों की महंगाई दर में कमी का ढिंढोरा पीट रही सरकार को रिजर्व बैंक ने आइना दिखा दिया है। आरबीआइ ने कहा है कि महंगाई पूरी तरह से काबू में नहीं आई है। यह अगले दो से तीन महीनों में फिर बेकाबू हो सकती है। खास तौर पर खाद्य उत्पादों की महंगाई दर अभी भी सामान्य से काफी ज्यादा...

More »

खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता के लिए पूर्वोत्तर को 200 करोड़- आर एस राणा

मणिपुर, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम व सिक्किम में चावल की खेती के खास प्रयास पूर्वोत्तर भारत के राज्यों को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने के लिए चालू वित्त वर्ष 2013-14 में 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसम) के तहत इन राज्यों में चावल का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। एनएफएसएम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूर्वोत्तर भारत के राज्यों को खाद्यान्न...

More »

सूचना अधिकार की नजर- कनक तिवारी

जनसत्ता 17 जून, 2013: केंद्रीय सूचना आयोग के ताजा निर्णय के कारण राजनीतिक पार्टियों में खलबली मच गई है। आयोग का फैसला राजनीतिक पार्टियों की पीठ पर कोड़ा मारता दिखा, लेकिन उसे दलों ने पेट पर लात मारने की शक्ल में माना और अपनी जगहंसाई कराई। आयोग के सामने प्रश्न था कि क्या सूचनाधिकार अधिनियम की धारा 2 (ज) के अनुसार राजनीतिक दलों को लोक प्राधिकारी (पब्लिक अथॉरिटी) माना जा...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close