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2023 के पहले तीन महीने में उत्तर पश्चिमी भारत में कम बारिश का अनुमान

डाउन टू अर्थ, 02 जनवरी  मौसम विभाग के मुताबिक सर्दियों के मौसम - जनवरी से मार्च 2023 के दौरान उत्तर पश्चिमी भारत के सात मौसम संबंधी हिस्सों, जिनमें पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख शामिल है, इनमें बारिश के सामान्य से कम होने का अनुमान है, जो कि लंबे समय की अवधि के औसत (एलपीए) का 86 फीसदी से कम है।...

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देश में बेरोज़गारी दर दिसंबर में 16 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंची: सीएमआईई

द वायर, 02 जनवरी देश में बेरोजगारी की दर दिसंबर, 2022 में बढ़कर 8.3 प्रतिशत के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, बेरोजगारी दर का यह 16 माह का उच्चतम स्तर है. आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में बेरोजगारी की दर आठ प्रतिशत थी, जबकि सितंबर में यह सबसे कम 6.43 प्रतिशत थी. वहीं, अगस्त में...

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झीलों पर अतिक्रमण, अनियमित निर्माण बेंगलुरु की बाढ़ के मुख्य कारण

 मोंगाबे हिंदी, 02 जनवरी भारत की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का गढ़ बेंगलुरु, हाल ही में शहरी बाढ़ की वजह से सुर्खियों में बना हुआ था। इस साल अगस्त के अंतिम सप्ताह और सितंबर के पहले सप्ताह में लगातार बारिश होने की वजह से बेंगलुरु शहरी-बाढ़ से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा था। पिछले 34 वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए, इस साल बेंगलुरु में सितम्बर महीने के दौरान 131.6 मिलीमीटर बारिश...

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लद्दाख: बढ़ते तापमान व ब्लैक कार्बन से पिघलते ग्लेशियर, आपदा की आशंका

मोंगाबे हिंदी, 02 जनवरी पश्चिमी हिमालय के ग्लेशियर, जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लिए पानी के स्रोत हैं। शोधकर्ताओं ने विभिन्न अध्ययनों में पाया है कि, ब्लैक कार्बन और ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ने के कारण ये जल-स्रोत तेजी से पिघल रहे हैं, जिसकी वजह से बर्फ से ढके इस इलाके की सफेदी कम हो रही है। हाल के एक अध्ययन में, उपग्रह से मिले डेटा का उपयोग करके लद्दाख क्षेत्र के द्रास...

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कम भुगतान, कम सम्मान: भारत के जिलों में मुफ्त कानूनी सहायता की गुणवत्ता खराब क्यों है?

इंडियास्पेंड, 02 जनवरी दिल्ली के कड़कड़डूमा जिला न्यायालय में आयुष* फ्री कानूनी सहायता देने वाले आपराधिक मामलों के वकील हैं और उन लोगों की मदद करते हैं जो वकीलों का खर्च नहीं उठा सकते. उन्होंने इंडिया स्पेंड को बताया कि वे हर महीने औसतन लगभग 5,000 रुपए कमाते हैं. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश उदय यू. ललित ने अप्रैल 2022 में अपने एक बयान में कहा, "गरीबों को कानूनी सहायता देने का...

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