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फूलमती: वह सचमुच ग्राम प्रधान है

आजमगढ़ [जासं]। अन्याय सहना उन्होंने नहीं सीखा। फकत सात साल की थीं जब उन्होंने कदाचार के खिलाफ बिगुल फूंका। कीमत बड़ी चुकानी बड़ी अर्थात पढ़ाई छूट गयी लेकिन हौसले का साथ न छूटा। कदाचार के खिलाफ जंग जारी रही और वर्ष 2005 में कक्षा 2 पास यह महिला बनीं अपने गाव की मुखिया। बात हो रही है फूलमती त्रिपाठी की। वह अजमतगढ़ विकास खण्ड की ग्राम पंचायत कादीपुर रजादेपुर की प्रधान हैं। मायका है...

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अंधेरे में ज्ञान का दीपक

धर्मशाला, बड़सर [संजय गोस्वामी]। आइए! यह शिक्षा का मंदिर है, जहा ज्ञान का प्रकाश बिखरता है। लेकिन अंधेरे में रहना इसकी नियति बन गई है। ठहरिए.! यह स्कूल हाई प्रोफाइल जिले हमीरपुर का है, जिसका प्रदेश सरकार और साक्षरता में अच्छा-खासा दखल है। मुख्यमंत्री यहीं से हैं तो शिक्षा मंत्री भी। लेकिन स्कूल के प्रभावशाली बायोडाटा का क्या लाभ जब नौ साल से यहा बिजली का मीटर ही नहीं लगा। यूं कहें कि शिक्षा का मंदिर...

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अंधेरे में ज्ञान का जुगनू

  राजस्थान के इस गांव में नाम भर को पढ़ा लिखा एक चरवाहा, बिना किसी सरकारी या दूसरे सहयोग के रात के अंधेरे में ज्ञान की रोशनी फैला रहा है.   हरडी गांव अजमेर से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. आसपास के तमाम दूसरे गांवों की तरह ही हरडी भी बिजली, पानी, सड़क जैसे विकास के न्यूनतम प्रतिमानो से वंचित है. गड़रिया जाति बाहुल्य इस गांव के 12 किलोमीटर के दायरे में कोई प्राथमिक स्वास्थ्य...

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दशा ऐसी तो कैसे जले शिक्षा की अलख

इलाहाबाद। सर्व शिक्षा अभियान का नारा है सब पढ़ें, सब बढ़ें। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों में शिक्षा की अलख जगाना है। सरकार ने भी इसकी सफलता के लिए कई कदम उठाए। शिक्षाधिकारियों समेत डीएम और मंडलायुक्त को भी इस ओर इंगित किया गया, बावजूद यह व्यवस्था शहर में ही पटरी से उतर गई है। इसका जीता जागता उदाहरण मोहत्सिमगंज में देखने को मिला। यहा एक ही परिसर में पूर्व माध्यमिक कन्या विद्यालय...

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शिक्षा के मंदिर में कमाई की दुकान

नई दिल्ली [हिमांशु शेखर]। देश के ज्यादातर हिस्सों में नर्सरी में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अपने बच्चे के दाखिला के लिए अभिभावक स्कूल-दर-स्कूल भटक रहे हैं। अभिभावक हर हाल में अपने बच्चों को किसी न किसी अच्छे स्कूल में देखना चाहते हैं। यही वजह है कि वे अपने बच्चों के दाखिले के लिए कई-कई स्कूलों में आवेदन कर रहे हैं। अभिभावकों की इसी मजबूरी का फायदा उठाने के लिए निजी स्कूलों ने...

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