भूमंडीलकरण-उदारीकरण के इस काल में अचानक एनजीओ या सिविल सोसाइटी समूहों की बाढ़ आना और वह भी शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, परिवहन और भोजन के मुद्दों पर थोड़ा शक पैदा करता है. खासकर, डब्ल्यूएसएफ की उस पूरी प्रक्रिया के बाद जो कहता था- “एक और दुनिया संभव है.” WSF इस असंभव को संभव बनाया है पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के उस मॉडल ने, जो न सीधा निजीकरण है न पूंजीवाद और न...
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शिक्षकों की कमी सर्व शिक्षा अभियान में बड़ी बाधा- योजना आयोग
शिक्षकों की संख्या में भारी कमी शिक्षा के बुनियादी अधिकार को साकार कर पाने में बड़ी बाधा है साथ ही शिक्षकों से पढ़ाई के अतिरिक्त लिया जा रहा काम उनके उत्साह को तोड़ने वाला एक बड़ा कारण। सर्वशिक्षा अभियान से जुड़े आधे से ज्यादा शिक्षक नहीं चाहते कि उन्हें जनगणना के काम, चुनाव कार्य या मिड डे मील जैसी गतिविधियों में लगाया जाय। योजना आयोग से संबद्ध प्रोग्राम इवैल्यूशन आर्गनाइजेशन की...
More »5 लाख एकड़ से कम में नं मिलेगी किसानों की जमीन
भोपाल। मध्यप्रदेश के किसानों के लिए यह अच्छी खबर है। अब उद्योगपति पांच लाख रुपए एकड़ से कम में किसानों से जमीन नहीं खरीद सकेंगे। सरकार इसके लिए नियम बनाने जा रही है। मुख्य सचिव अवनि वैश्य की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रालय में हुई उच्च स्तरीय बैठक मे उक्त निर्णय लिया गया। बैठक में लिए गए निर्णय का प्रस्ताव अनुमोदन के लिए कैबिनेट की अगली बैठक में भेजा जाएगा। जानकारी...
More »सवा करोड़ खर्च फिर भी तीन आयोग नहीं दे सके रिपोर्ट
भोपाल। मध्यप्रदेश में वर्ष 2003 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद विभिन्न घटनाओं को लेकर गठित किए गए सात न्यायिक जांच आयोग में से तीन आयोग अनेक बार कार्यकाल बढाए जाने के बावजूद अपनी रिपोर्ट शासन को नहीं सौंप पाए हैं, जबकि इन तीन आयोगों पर सरकार का एक करोड़ 40 लाख रुपए से अधिक धन व्यय हो चुका है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जिन आयोगों ने शासन...
More »गरीबी : अध्ययन रिपोर्ट पर करोड़ों खर्च नतीजा सिफर
भोपाल. प्रदेश में आदिवासियों की गरीबी दूर करने के उपाय सुझाने के लिए विदेशी सहायता से चल रहे एक प्रोजेक्ट में सिर्फ अध्ययन रिपोर्ट तैयार करने के नाम पर एक करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी नतीजा सिफर है। छह साल में सौ से ज्यादा रिपोर्ट बनाने वाले प्रोजेक्ट के कर्ताधर्ताओं के पास भी इस सवाल का सीधा जवाब नहीं है कि आखिर उनकी इस मेहनत से कितने लोगों की गरीबी...
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