समूची दुनियां में भारत की वन्य जीव संपदा से भरपूर सबसे बड़े देश के रूप में गिनती होती है. तमाम प्राकृतिक प्रकोप बाढ़ ओद आपदाओं, अंधांधुध शिकार, कभी जान की सुरक्षा के चलते की जाने वाली हत्याओं ओद कारणों से हुई वन्य जीवों की बेतहाशा मौत के बावजूद यह स्तर आज भी कायम है. राष्ट्रीय पशु बाघ को लें. एक समय देश में बाघों की तादाद करीब चालीस हजार थी. आज सरकार की...
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क्या यह बैंगन जहरीला है?
नई दिल्ली/भोपाल. एक सप्ताह के अंदर ही केंद्र सरकार को फैसला लेना है कि बीटी बैंगन जैसी जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) फसलों (जिनकी जीन संरचना में बदलाव किया गया है) की देश में खेती की अनुमति देनी है या नहीं। इस फैसले से जहां एक ओर उपज में बढ़ोतरी से किसानों को फायदा होने की उम्मीद है, वहीं जीएम खाद्य पदार्थो से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचने की आशंका भी जताई जा रही है। क्या तेजी से...
More »ठंड से ठंडी हुई 60 लोगों की सांसे
लखनऊ। मौसम का पारा लगातार गिरने से ठंड का कहर बरकरार है। शुक्रवार को भी लोग ठंड से बेहाल रहे। हालांकि सूर्य देव के दर्शन तो जरूर हुए लेकिन धूप में तेजी नहीं थी। कोहरा भी सुबह देर तक रहा और दिनभर धुंध सी छायी रही। जिसके चलते रेल, सड़क और हवाई यातायात भी प्रभावित रहा। बीते चौबीस घंटे के दौरान पूर्व व मध्य उत्तर प्रदेश में ठंड लगने से साठ लोगों की सांसे ठंडी...
More »नक्सली घटनाओं से थर्राता रहा छत्तीसगढ़
रायपुर। बहुमूल्य खनिज संपदा्र हरे भरे वनों और सीधे सरल आदिवासियों वाला छत्तीसगढ़ राज्य इस साल भी नक्सली घटनाओं से थर्राता रहा। राज्य में नक्सली साल भर उत्पात मचाते रहे और इस दौरान उन्होंने यहां के काबिल पुलिस अधीक्षक समेत 235 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। हालांकि अब केन्द्र के सहयोग से राज्य नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़ा अभियान शुरू करने की स्थिति में है। नक्सल समस्या के कारण 44 फीसदी वनों...
More »ये बेहाल सूरतें लेकिन गहरी नींद में है समाज
छपरा [कृष्णकांत]। 'खिलौना जान कर तुम तो मेरा दिल तोड़ जाते हो..।' बहुत दुश्मन दौर के गहरे धंसी टीस का बेतरतीब बयान है यह गीत- फिल्म 'खिलौना' का। गाना मशहूर अभिनेता स्व. संजीव कुमार पर फिल्माया गया था-जो अब रीयल लाइफ में भी कई ऐसे लोगों पर घट रहा है, जिनकी रातें बेचैनियों में कटीं। वे सुखिया नहीं है कि खाते और सोते। दुखिया है इसलिए कि जाग गये, जान गये। अब रो-रो कर असहज...
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