प्रदेश के विभिन्न अंचलों से. जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में रविवार को प्रसव के बाद एक और प्रसूता की मौत हो गई। अब तक यहां 15 प्रसूताएं दम तोड़ चुकी हैं। हैरानी यह है कि इतनी मौतों के बाद भी अभी तक राज्य सरकार इस दिशा में कोई पुख्ता कदम नहीं उठा पाई है। यह स्थिति तब है, जब मुख्यमंत्री खुद जोधपुर इलाके से हैं और जांच के लिए दिल्ली से...
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आइना-ए-योजना आयोग-4: लगता ही नहीं कि मेवात हरियाणा में
नई दिल्ली. चौतरफा आर्थिक विकास की बयार मिलेनियम सिटी गुड़गांव और फरीदाबाद की सीमाओं से सटे होने के बावजूद मेवात तक नहीं पहुंच सकी है। मेवात के हालात से केंद्रीय योजना आयोग खासा चिंतित है। उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर आयोग ने राज्य सरकार को बताया है कि मेवात आज भी शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता व उपयोगिता के मामले में प्रदेश का सर्वाधिक पिछड़ा क्षेत्र है। आयोग के...
More »दयनीय दशा में बच्चे- स्टेट ऑव द वर्ल्ड चिल्ड्रेन 2011
अगर जानना चाहें कि कोई देश प्रगति के किस मुकाम तक पहुंचा है तो पैमाना बनाइए उस परिवेश को जिसमें वहां बच्चे बड़े हो रहे हैं। परिवेश कुपोषण, भुखमरी, अस्वास्थ्यकर अड़ोस-पड़ोस और जबरिया बाल-मजदूरी का हो तो देश को प्रगति के क्रम में बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।द स्टेट ऑव वर्ल्ड चिल्ड्रेन रिपोर्ट के तथ्यों से पता चलता है कि विश्व के भावी नागरिकों के हक में बड़ा कम निवेश किया जा रहा है।...
More »नावाडीह में सरकारी चिकित्सकों का टोटा
नावाडीह (बेरमो) : लगभग 1 लाख 70 हजार की आबादी वाले नावाडीह प्रखंड में सरकारी चिकित्सकों का टोटा है। कहने को तो नावाडीह प्रखंड में स्वास्थ्य विभाग ने 6 चिकित्सकों को पदस्थापित किया है, किन्तु नावाडीह में मात्र 3 चिकित्सक ही जनता को सेवा दे रहे हैं। इनमें दो महिला चिकित्सक शामिल है। इस कारण मरीजों को समुचित स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पा रहा है। इतना ही नहीं हाल के दिनों...
More »आईआईटी कानपुर में मजदूरों का शोषण, हाईकोर्ट में याचिका दायर
आईआईटी कानपुर में श्रम कानूनों में व्यापक स्तर पर हो रही अनियमितताओं के विरोध में आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्रों के समूह ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ बेंच में एक रिट पेटिशन दायर की है। याचिका में कहा गया है कि आईआईटी कानपुर में भवन और इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण, मेस, सुरक्षा, मेंटेनेंस, सफाई कार्यों आदि में बड़ी भरी संख्या में संविदा मजदूर काम कर रहे हैं जिन्हें मूलभूत सुविधाएं भी नहीं...
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