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62 लाख मुआवजा खा गये बिचौलिये

जमीन अधिग्रहण के बदले सरकार जाे मुआवजा देती है, वह रैयताें तक नहीं पहुंच पाता. बिचाैलिये खा जाते हैं. पूरा रैकेट है. अफसराें-दलालाें की सांठगांठ ने गरीब आदिवासियाें काे सड़क पर ला दिया है. ऐसे ताे यह पूरे राज्य में हाे रहा है, लेकिन धनबाद में सबसे ज्यादा. धनबाद से सटा दुहाटांड़ गांव में सरकार ने रिंग राेड के लिए आदिवासियाें की 269़ 5 डिसमिल जमीन अधिग्रहीत की. कुल 4.46...

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डिजिटल राशनकार्ड: खाद्य मंत्री से मांगी रिपोर्ट

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में खाद्य सुरक्षा योजना के लिए पुराने राशन कार्डों का डिजिटलीकरण कर नया कार्ड आवंटन शुरू हो गया है, लेकिन जैसे-जैसे कार्डों का वितरण हो रहा है, वैसे-वैसे इसमें खामियां भी देखने को मिल रही है. अब तक लगभग पांच लाख लोगों के नाम व पते संबंधी गलतियां पायी गयी हैं, जबकि कई लाख लोगाें के नाम इस सूची से काट दिये गये हैं. इस घटना से...

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फसल किसकी और फायदा किसे? - देविंदर शर्मा

मुझे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से बहुत उम्मीदें थीं। गए साल बेमौसम बारिश-ओलावृष्टि से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र में बड़ी मात्रा में फसलें तबाह हो गई थीं। कई किसानों ने आत्महत्या कर ली थी। ऐसे में किसान उत्सुकतावश नई फसल बीमा योजना की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे थे। हालांकि नई योजना को सरकार की ओर से गेमचेंजर बताया गया, लेकिन मैं जब इसकी...

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मेधा के उत्पीड़न से सबक-- अफलातून

एक मेधावी और संवेदनशील युवा राजनीतिक की मौत ने भारतीय समाज को हिला दिया है. इस युवा में जोखिम उठाने का साहस था और अपने से ऊपर की पीढ़ी के उसूलों को आंख मूंद कर न मानने की फितरत भी. वह एक राजनीतिक कार्यकर्ता था, उसका संघर्ष राजनीतिक था. वह आतंक के आरोप में दी गयी फांसी के विरुद्ध था, तो साथ-साथ आतंक फैलाने के लिए सीमा...

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कभी ट्रेन में मांगते थे भीख आज अनाथों के नाथ एलेक्स

पाकुड़: दूसरों की पीड़ा को खुद में महसूस करने की भावना आसानी से नहीं आती और अगर आ जाये तो आदमी महान बन जाता है. पाकुड़ के एलेक्स साम की दास्तां और उपलब्धि इस बात का प्रमाण है. एलेक्स बचपन से अनाथ हैं. उसने अपना बचपन ट्रेन में भीख मांगते हुए, लोगों की उपेक्षा और भूख की मार सहते गुजारा, लेकिन अब तक वह 46 यतीम बच्चों की अंधेरी दुनिया...

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