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सीजेआई यौन उत्पीड़न: जस्टिस लोकुर ने कहा- संस्थागत भेदभाव हुआ, शिकायतकर्ता को मिले जांच रिपोर्ट

नई दिल्ली: सीजेआई रंजन गोगोई के ख़िलाफ़ पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में सुप्रीम कोर्ट की शुरुआती जांच को संस्थागत भेदभाव बताते हुए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा, ‘मेरा मानना है कि कर्मचारी के साथ न्याय नहीं हुआ है.' बता दें कि पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने वाले जस्टिस मदन बी लोकुर उन चार जजों...

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भद्रलोक की हिंसा का मनोविज्ञान-- हरिराम पांडेय

पश्चिम बंगाल में व्यापक चुनार्वी ंहसा न तो कोई नई बात है और न ही यह कोई अजूबा। बंगाल का भद्रलोक समाज राजनीतिक हिंसा को एक रूमानी रूप देता रहा है। यहां हर दौर में सिर्फ झंडे बदल जाते हैं, जबकि डंडे और उनके काम उसी तरह रहते हैं। कुछ लोग इसे इतिहास से भी जोड़कर देखते हैं। जंगे आजादी के बाद में जब भारत का बंटवारा हुआ, तो जो...

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क्या पत्रकारों को अब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से पत्रकारिता सीखनी होगी?- प्रशांत वर्मा

नई दिल्ली: क्या पत्रकारों को अब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से पत्रकारिता सीखनी होगी? ये सवाल इसलिए खड़ा हुआ है क्योंकि मंगलवार को कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष के रोड शो के दौरान हुई हिंसा को लेकर अमित शाह न सिर्फ़ तृणमूल कांग्रेस पर हमलावर हैं, बल्कि मीडिया से भी आहत नज़र आ रहे हैं. सिर्फ़ आहत ही नहीं बल्कि मीडिया को नसीहत भी दे रहे हैं. बता रहे हैं कि पत्रकारिता...

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सीजेआई यौन उत्पीड़न: नौकरी से निकालने के ख़िलाफ़ शिकायतकर्ता करेंगी सीजेआई से अपील

नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी जल्द ही सीजेआई के सामने शीर्ष न्यायालय में अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ अपील दायर करेंगी. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक महिला के वकील और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा, ‘शिकायतकर्ता खुद गोगोई के पास अपील दायर करेगी. सेवा नियमों के तहत अपील करने की...

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रूढ़िवादिता और संवैधानिक सुधार-- आकार पटेल

  साल 1948 में हिंदू कोड बिल का प्रस्ताव पेश करते हुए भीमराव आंबेडकर ने इस विधेयक के मुख्य मुद्दे के रूप में उत्तराधिकार को रेखांकित किया था. हिंदू उत्तराधिकार कानून दो परंपराओं से आया था, जिन्हें मिताक्षरा और दायभाग के रूप में जाना जाता है. मिताक्षरा के अनुसार, एक हिंदू पुरुष की संपत्ति उसकी नहीं होती है. इसका साझा स्वामित्व पिता, पुत्र, पौत्र और प्रपौत्र का होता है. इन सभी...

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