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अवैध बूचड़खाने पर लगाए बैन का असर, चाय बेच रहे हैं मीट व्यापारी

मुजफ्फरनजर। उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खानों पर बैन लगने का असर मीट व्यवसायियों पर साफ दिख रहा है। मीट व्यवसायियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से कई मीट दुकान के मालिकान अब चाय बेचने को मजबूर हैं। मुजफ्फरनगर निवासी नजाकत ने बताया कि मेरी मीट शॉप को जबरदस्ती बंद करवा दिया गया, जबकि मेरे पास वैध लाइसेंस था। अब मुझे चाय बेचने को मजबूर होना पड़ा। वहीं, एक अन्य मीट व्यापारी...

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भूख से लड़ना है, तो भोजन की बर्बादी पहले रोकिए-- पंकज चतुर्वेदी

बीते रविवार को ‘मन की बात' कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों से खाने की बर्बादी रोकने की अपील करते हुए कहा कि ‘हम प्लेट भर ले लेते हैं, फिर खा नहीं पाते और जूठन छोड़कर निकल जाते हैं। सोचिए, जूठन न छोड़ें, तो कितने लोगों का पेट भर सकता है?'   प्रधानमंत्री ने जिस गंभीरता से भोजन की बर्बादी का मुद्दा उठाया है, उससे यह उम्मीद बंधी...

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मांसबंदी:यूपी में आधे से ज्यादा वैध बूचड़खानों पर भी तालाबंदी..

इन दिनों उत्तर प्रदेश सरकार फुल एक्शन में है। प्रशासन बीते पांच दिनों से लगातार अवैध बूचड़खानों को बंद करा रहा है। इसी कड़ी में प्रदेश के आधे से ज्यादा वैध बूचड़खानों को भी अस्थायी रूप से बंद किया गया है। हालांकि, इन्हें बंद करने के पीछे इन बूचड़खानों का दिशा निर्देशों का पालन न करना बताया गया है। यूपी में 44 लाइसेंस बूचड़खानों में 26 को बंद किया गया...

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फिजूलखर्ची से ध्वस्त होती अर्थव्यवस्था-- एस. श्रीनिवासन

मध्य वर्ग अपने राज्य के बजट को आमतौर पर नजरंदाज करता है। उसके लिए यह एक सालाना कवायद है, जो उसके रोजमर्रा के जीवन से बहुत ज्यादा वास्ता नहीं रखती। राजनीतिक टिप्पणीकार और मीडिया भी इसे लेकर एक तरह से उदासीन रहते हैं। मगर राज्य के बजट महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये बताते हैं कि सियासी दलों ने चुनाव के दरम्यान जो वादा किया था, उसे वे पूरा कर रहे हैं...

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शिक्षा से सामाजिक सद्भाव-- जगमोहन सिंह राजपूत

यह हर राष्ट्र का पहला कर्तव्य है कि वह अपना भविष्य संवारने के लिए वर्तमान का लगातार वस्तुनिष्ठ विश्लेषण और तदनुरूप तैयारी करता रहे। लोकतंत्र में सर्वमान्य नीतियों का निर्माण बहुधा कठिन हो जाता है। फिर भी जब राष्ट्र की सुरक्षा खतरे में होती है तो सब मतभेद भुला दिए जाते हैं, उसी प्रकार भविष्य की पीढ़ी को सुचारु रूप से तैयार करने में भी राष्ट्रीय योजनाएं सभी की सहमति...

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