मध्यप्रदेश का चुटकी जैसा दिखने वाला गांव चुटका, अब देश-दुनिया में मिसाल बन गया है। यहां के मामूली से दिखने वाले लोगों ने अपनी ताकत से सरकार को झुका दिया है। भारी जन दबाव को देखते हुए चुटका परमाणु बिजलीघर की पर्यावरण मंजूरी के लिए 24 मई को होने वाली जन सुनवाई को रद्द करना पड़ा। इसके लिए प्रशासन ने भारी खर्च करके सर्वसुविधायुक्त भव्य टेंट लगाया था लेकिन उसे उखाड़कर वापस ले जाना पड़ा। जन सुनवाई रद्द...
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बाल विवाह की समाजिक बुराई पर युवाओं की एक पहल- रेणुका पामेचा
ममता 17 साल की है। वह अन्य लड़कियों के साथ पिता के साथ रहती है परंतु अपने पिता से उसका रिश्ता काफी कठिन दौर में है क्योंकि ममता ने अपने बाल विवाह को रुकवाने के लिए दो बार पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। 13 मई 2013 को होने वाली शादी भी रुकवाई। ममता ने आगे पढ़ाई जारी रखने का पक्का इरादा बना रखा है। वह पिता के दबाव में नहीं...
More »भूख से हुई दो बच्चों की मौत के बाद शुरू हुई राजनीति
वाराणसी। आज़ादी के कई दशक बाद भी इस देश में अगर कोई भूख से मर जाये तो इससे शर्मनाक बात शायद हो नहीं सकती। बजरडीहा इलाके में शुक्रवार को पांच साल के मुर्तजा और तेरह साल की समीना का भूख के कारण मौत हो गया !फ़िलहाल मौत के बाद से ही राजनीती शुरू हो गयी है ,दरवाजे के चौखट पर राजनैतिक पार्टियों के नेताओं का जमघट भी लगना शुरू...
More »मासूम गिरोहों की दिल्ली- प्रियंका दुबे
समाज व व्यवस्था की उदासीनता और वयस्क अपराधियों की सक्रियता की वजह से दिल्ली में बच्चों के कई आपराधिक गिरोह पनप रहे हैं. प्रियंका दुबे की रिपोर्ट. गर्मियों की एक दोपहर. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन. नई-दिल्ली-गुवाहाटी राजधानी एक्सप्रेस अपनी यात्रा पूरी कर चुकी है. यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर उतारने के बाद खाली हो चुकी ट्रेन धुलाई-सफाई के लिए रेलवे स्टेशन के पीछे बने यार्ड की तरफ बढ़ रही है. अचानक एक कोच...
More »क्या कागजी ही रहेगा बालश्रम कानून- किशोर
जनसत्ता 30 अप्रैल, 2013: मंत्रिमंडलीय समितिद्वारा बालश्रम (प्रतिबंधन एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 में संशोधन को मंजूरी दिए छह महीने से ज्यादा हो गए हैं, पर अभी तक यह संसद के दोनों सदनों में पास नहीं हो पाया है। इस संशोधन को राज्यसभा में पेश भी किया जा चुका है, पर मामला उससे आगे नहीं बड़ा है। इस अधिनियम में संशोधन के बाद चौदह वर्ष से कम आयु के बच्चों से...
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