नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कहा कि भोपाल गैस त्रासदी पर गठित मंत्रियों का समूह उन परिस्थितियों की जांच कर सकता है जिनके चलते भीषण औद्योगिक हादसा हुआ। समूह यह भी जांच करेगा कि दोषियों की सजा कम कैसे हुई। आजाद गैस त्रासदी पर गठित उस मंत्री समूह में शामिल हैं जिसे प्रधानमंत्री ने शीघ्र बैठक करने के आदेश दिए हैं।...
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कानून मंत्री से उलझे देश के पूर्व न्यायाधीश
नई दिल्ली। भोपाल गैस त्रासदी पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले सोमवार को इस मसले पर अदालत ने जब आरोपियों को सिर्फ दो साल की सजा सुनाई तो जैसे हर किसी के ज्ञान चक्षु खुल गए। ताजा संदर्भो में यह पुरानी जानकारी हर किसी तक पहुंची कि गैस कांड का मुकदमा कमजोर कर दिया गया था। शनिवार को इसी मुद्दे पर देश के कानून मंत्री वीरप्पा...
More »भोपाल गैस कांड : सोराबजी जवाब दीजिए
नौ साल पहले 2001 में तब के एटार्नी जनरल सोली सोराबजी ने वाजपेयी सरकार को राय दी थी कि वारेन एंडरसन के प्रत्यर्पण की कोशिश नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि इसके सफल होने की संभावना नहीं है। इसके बाद सरकार ने प्रत्यर्पण की कोशिश नहीं की। उन्होंने अमेरिकी कानूनी फर्म से राय लेने की सलाह भी दी, जबकि इसके पहले 31 जुलाई 1998 को उन्होंने कहा था,‘लापरवाही से मौत (आईपीसी की धारा...
More »25 साल बाद यह कैसा इंसाफ!
नई दिल्ली [विष्णु गुप्त]। महत्वपूर्ण यह नहीं है कि भोपाल गैस काड के आठ अभियुक्तों को न्यायालय ने दोषी ठहराया है, उन्हें दो-दो साल की सजा सुनाई है या अब भोपाल गैस काड के पीड़ितों को न्याय मिल ही गया। अहम यह है कि भोपाल गैस काड के अभियुक्तों को दंडित करने में 25 साल का समय क्यों और कैसे लगा? न्याय की इतनी बड़ी सुस्ती और कछुआ चाल। क्या गैस...
More »भोपाल गैस त्रासदीः एक और सच का खुलासा
भोपाल. देश की सबसे बड़ी भोपाल गैस त्रासदी का एक और कड़वा सच सामने आया है। भोपाल के तत्कालीन डीएम मोती लाल सिंह ने खुलासा किया है कि सूबे की सरकार ने गैस त्रासदी के मुख्य आरोपी एंडरसन को बचाने का पूरा प्रयास किया था। श्री सिंह ने कहा कि 7 दिसंबर 1984 की सुबह एंडरसन भोपाल आया था लेकिन उसी शाम को राज्य सरकार के भारी दबाव के चलते उसे चार्टर्ड प्लेन से वापस दिल्ली...
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