SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 626

कोरोना वायरस, सर्विलांस राज और राष्ट्रवादी अलगाव के ख़तरे

-न्यूजलॉन्ड्री,  दुनिया भर के इंसानों के सामने एक बड़ा संकट है. हमारी पीढ़ी का शायद यह सबसे बड़ा संकट है. आने वाले कुछ दिनों और सप्ताहों में लोग और सरकारें जो फ़ैसले करेंगी, उनके असर से दुनिया का हुलिया आने वाले सालों में बदल जाएगा. ये बदलाव सिर्फ़ स्वास्थ्य सेवा में ही नहीं बल्कि अर्थव्यवस्था, राजनीति और संस्कृति में भी होंगे. हमें तेज़ी से निर्णायक फ़ैसले करने होंगे. हमें अपने फ़ैसलों...

More »

कोविड-19 से निपटने के लिए भारत तैयार कर रहा है 100 दिन की योजना

-द प्रिंट, नीति आयोग ने कोरोनावायरस महामारी से निपटने के लिए एक 100 दिन की योजना तैयार करना शुरू किया है. नीति आयोग के प्रमुख अमिताभ कांत और मेंबर (स्वास्थ्य) वीके पॉल के नेतृत्व में एक विस्तृत योजना बनाई जा रही है जिसमें अगले तीन महीने में आने वाली आपातकालीन ज़रूरतों का आकलन किया जा रहा है. अगर कोरोनावायरस और भयानक रूप लेता है तो ये योजना काम में आयेगी. इस योजना...

More »

कोरोना लॉकडाउन से प्रभावित असंगठित क्षेत्र को सरकार क्या भूल गई है?

-बीबीसी, वित्त मंत्रालय में जारी लगातार बैठकों और विचार-विमर्श के बाद मध्यम वर्ग और कॉर्पोरेट जगत को कोरोना से निपटने के लिए एक के बाद दूसरी राहतों का एलान हुआ. इसके बाद भारत के 50 से अधिक समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों और राजनीतिज्ञों ने केंद्र और राज्य सरकारों को ख़त लिखकर लगभग 40 करोड़ से अधिक दिहाड़ीदारों, खेतिहर मज़दूरों, छोटे किसानों, वृद्धा पेंशन भोगियों और झुग्गी-झोपड़ियों में रहनेवालों विशेष वित्तीय मदद दिए जाने की...

More »

लॉकडाउन का पालन नहीं किया तो आपके खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई हो सकती है?

-सत्याग्रह, कोरोना वायरस से पैदा हुए संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक बार फिर देश को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि सरकार ने पूरे देश को लॉकडाउन करने का फैसला किया है. यह लॉकडाउन 21 दिनों तक यानी 14 अप्रैल तक जारी रहेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि यह लॉकडाउन ‘जनता कर्फ्यू’ से एक कदम आगे की...

More »

कोरोना वायरस: सवाल करने का मतलब सरकार को कमज़ोर करना नहीं है

-द वायर, आलोचना हमें महामारी से बचाएगी, आज्ञाकारिता नहीं. कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए हमें एक गणतंत्र होना चाहिए. यह कहा मधु त्रेहन ने जिनके तजुर्बे और समझदारी पर संदेह करने का कारण नहीं. लेकिन एकता की यह नेक सलाह देने के पहले उन्हें ज़रूरी लगा कि वे अरुंधति राय पर व्यंग्य करें और कहें कि राय से माफ़ी मांगते हुए वे कहना चाहती हैं कि अभी हमें एक के...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close