लुधियाना . पर्यावरणीय बदलाव के कारण सबसे अधिक समस्याएं झेल रहे फूड बाउल आफ इंडिया के राज्य पर्यावरण संरक्षण में सबसे ज्यादा लापरवाह हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तीनों राज्य देश को करीब 80 फीसदी अन्न भंडार देते हैं, लेकिन इनमें जंगल या पर्यावरण को बचाने की दिलचस्पी कम है। इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इन राज्यांे में फॉरेस्ट कवर और ट्री कवर एरिया लगातार कम हुआ है,...
More »SEARCH RESULT
हर साल दस हजार किसान छोड़ रहे खेती
चंडीगढ़. भारत की प्रगति दर बेशक 9 फीसदी है, लेकिन भारत के किसान खेती छोड़ खेतों और मंडियों में मजदूरी करने को मजबूर हैं। अकेले पंजाब में ही हर साल दस हजार किसान खेती छोड़ रहे हैं। पंजाबी यूनिवर्सिटी की ओर से करवाई गई यह स्टडी रिपोर्ट शुक्रवार को पंजाब यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों के साथ खाद्यान्न सुरक्षा और किसानों की आत्महत्या विषय पर करवाए गए सेमिनार में क्रिड के डायरेक्टर...
More »भुखमरी में हम आगे, पर मुफ्त अनाज नहीं बांटेगी सरकार
नई दिल्ली. भुखमरी के कारण हमारे देश में पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका से ज्यादा मौतें होती हैं। फिर भी सरकार के पास मुफ्त खाद्यान्न बांटने का कोई प्रस्ताव नहीं है। कृषि, उपभोक्ता मामलों और सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री प्रो. केवी थॉमस ने लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट का जिक्र किया। अक्टूबर 2010 में जारी रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल हंगर सूचकांक में भारत के 24.1 अंक हैं। इस...
More »‘टेस्ट ट्यूब बेबी पैदा हो सकती हैं अनाज नहीं’: रामकृष्ण कुसमरिया
भोपाल. ज्यादा रसायनों के उपयोग से नष्ट हो रही उपजाऊ भूमि को बचाने के लिए मिट्टी वैज्ञानिक इस बात की चिंता करें कि टेस्ट ट्यूब बेबी हो सकते हैं, अनाज नहीं। क्योंकि अनाज को मिट्टी के अलावा और कहीं पैदा नहीं किया जा सकता है। इसलिए दुनिया को बचाने के लिए जरूरी है कि खेती की उपजाऊ भूमि को सुरक्षित रखें। यह तभी संभव है, जब जैविक खेती के लिए किसानों को...
More »एनसीएईआर ने आर्थिक वृद्धि का अनुमान बढ़ाया
नई दिल्ली। देश के कृषि उत्पादन में इस साल अच्छी वृद्धि की उम्मीद को देखते हुए आर्थिक थिंक टैंक नेशनल काउंसिल आफ एप्लायड इकनामिक रिसर्च [एनसीएईआर] ने चालू वित्त वर्ष के लिए देश की आर्थिक वृद्धि का अनुमान पहले के 8.1 फीसदी से बढ़ाकर 8.4 फीसदी कर दिया। एनसीएईआर ने अर्थव्यवस्था की समीक्षा के अपने नवीनतम तिमाही अंक में कहा है कि अर्थव्यवस्था के वृहद आकलन के आधार पर चालू वित्त...
More »