सरकार की आर्थिक दृष्टि औद्योगिक गलियारों, राजमार्गों, बुलेट ट्रेनों और स्मार्ट शहरों तक ही सीमित है. भारत को इनकी जरूरत है, लेकिन सरकार एकतरफा ढंग से उस भारत को छोड़ इन लक्ष्यों के पीछे नहीं भाग सकती है जहां आत्महत्याओं की संख्या और लोगों की तकलीफें बेतहाशा बढ़ रही हैं. भाजपा को याद करना चाहिए कि सर्वाधिक 18,241 आत्महत्याएं 2004 में हुई थीं, जब पार्टी ‘शाइनिंग इंडिया' की बात करती...
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हरियाणा के कृषि मंत्री ने कहा, 'सुसाइड करने वाले किसान कायर'
नई दिल्ली। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने आपत्तिजनक बयान दिया है। धनखड़ ने अपने बयान में कहा कि 'जो सुसाइड करते हैं, वो कायर होते हैं।' उन्होंने कहा कि सुसाइड करना अपराध होता है, जो लोग सुसाइड करते हैं सरकार उनके साथ नहीं है। बेमौसम बारिश से फसल खराब होने के बाद किसानों के आत्महत्या की घटनाएं बढ़ गई हैं। इस पर सरकार...
More »मौत को भी तमाशा बनाने की फितरत - गिरीश्वर मिश्र
भारत के सामाजिक इतिहास में यह घटना अविस्मरणीय रहेगी कि एक राजनीतिक-सामाजिक मंच के आयोजन के दौरान, जिसमें एक प्रदेश का नामचीन मुख्यमंत्री भी शिरकत कर रहा हो, दिनदहाड़े सबकी आंखों के सामने एक किसान पेड़ पर चढ़ता है, ऊंची डाल पर बैठता है, फांसी का फंदा बनाता है और उससे लटककर मौत को गले लगा लेता है। यह घटनाक्रम सभी देख रहे हैं, पर सभा पूर्ववत जारी रहती है।...
More »खुद को जिंदा साबित करने दफ्तरों में भटक रहा किसान
बीना (निप्र)। मालथौन तहसील के हिरनछिपा गांव में पटवारी ने एक किसान को कागजों में मृत घोषित कर उसकी पट्टे की जमीन को दूसरे के नाम कर दी। पटवारी का यह कारनामा उजागर होने के बाद पूरा गांव सन्ना है, वहीं किसान अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए पंचायत से लेकर जनपद, तहसीलदार और एसडीएम के दफ्तर में चक्कर काट काट कर परेशान हो गया है। इतना ही नहीं...
More »क्यों खुदकुशी कर रहे हैं किसान- विनय सुल्तान
सारी पार्टियां गजेंद्र सिंह की खुदकुशी पर गमगीन दिखने की होड़ में शामिल हैं। अगर उनके आंसू सच्चे हैं तो वे बाकी किसानों की सुध क्यों नहीं ले रही हैं? महाराष्ट्र में सिर्फ चार महीनों में सैकड़ों किसानों ने अपनी जान ले ली। गजेंद्र सिंह राजस्थान का था। मगर राज्य के किसानों पर छाए संकट का वह अकेला उदाहरण नहीं था। कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ में हाल में तीस से...
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