SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 968

सरकार नहीं, समाज गढ़ता है श्रेष्ठ संस्थान- हरिवंश

अमेरिका के जितने भी महान विश्वविद्यालय हैं, उन्हें बनाने के लिए बड़े-बड़े पूंजीपतियों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई लगा दी. एक झटके में करोड़ों डॉलर का दान कर दिया. क्या भारत में पैसेवालों की कमी है? नहीं. फिर क्यों यहां ऐसे संस्थान नहीं खड़े होते? क्यों हम लोग हर चीज के लिए सरकार का मुंह देखते रहते हैं. सरकार अपना काम करे, यह जरूरी है. पर समाज और लोगों की...

More »

खेती पर होगा जोर तो बढ़ेगा वेयरहाउसिंग का कारोबार

आशीष और उनके बड़े भाई जोधपुर से करीब 20 किलोमीटर दूर पाली रोड के किनारे पड़ी अपनी पुश्तैनी जमीन का इस्तेमाल कर कोई कारोबार करना चाहते थे। उन्होंने महसूस किया कि जोधपुर और उसके आसपास में बढ़ती खेती के कारण कृषि उत्पादों के रखरखाव की जरूरत हाल के वर्षों में लगातार बढ़ती जा रही है और इसलिए पिछले साल दोनों भाइयों ने मिलकर वेयरहाउसिंग कारोबार में उतरने का फैसला किया।...

More »

IT करियर छोड़ शुरू किया अपना डेयरी फार्म, आज 1 करोड़ रु. का है टर्नओवर

  यह कहानी संतोष डी सिंह की है जिन्होंने आईटी करियर छोड़कर डेयरी फ़ार्म उद्योग खड़ा किया, आज उनके उद्यम का कुल टर्नओवर 1 करोड़ रुपए सालाना है। कंपनी : अमृता डेयरी फार्म्स  संस्थापक : संतोष डी सिंह  क्या खास : आईटी सेक्टर प्रोफेशनल द्वारा कम संसाधनों के साथ शुरू किया गया उद्यम जो समय के साथ कामयाब बिजनेस की शक्ल ले चुका है।     बेंगलुरु से तकनीकी शिक्षा में पोस्ट ग्रैजुएशन की डिग्री लेने के...

More »

भूकंप के बाद की चुनौतियां - शशांक

नेपाल की आपदा बहुत बड़ी प्राकृतिक त्रासदी है। हालांकि संवेदनशील क्षेत्र होने के कारण नेपाल ही नहीं, भारत भी भूकंप से निपटने की तैयारियां काफी समय पहले से कर रहा है। नेपाल के साथ तो हमारे प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलते रहे हैं। मगर विगत शनिवार को जितने बड़े क्षेत्र में यह जलजला आया, उसने वहां की सरकार और जनता, दोनों को पूरी तरह हिलाकर रख दिया है। वैसे अच्छी बात...

More »

कृषि क्षेत्र की लगातार उपेक्षा- पवन के वर्मा

सरकार की आर्थिक दृष्टि औद्योगिक गलियारों, राजमार्गों, बुलेट ट्रेनों और स्मार्ट शहरों तक ही सीमित है. भारत को इनकी जरूरत है, लेकिन सरकार एकतरफा ढंग से उस भारत को छोड़ इन लक्ष्यों के पीछे नहीं भाग सकती है जहां आत्महत्याओं की संख्या और लोगों की तकलीफें बेतहाशा बढ़ रही हैं. भाजपा को याद करना चाहिए कि सर्वाधिक 18,241 आत्महत्याएं 2004 में हुई थीं, जब पार्टी ‘शाइनिंग इंडिया' की बात करती...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close