गरीबी: सभ्य समाज के इस सबसे बड़े अभिशाप को राष्ट्रपिता गांधी जी ने हिंसा का सबसे खराब रूप कहा। करेला उस पर नीम चढ़ा कि स्थिति यह कि गरीबों को 'गरीब' न मानना। हमारे हुक्मरानों ने गरीबों की नई परिभाषा गढ़ी है। अगर आप शहर में रहकर 32 रुपये और गांव में रहकर 26 रुपये प्रतिदिन से अधिक खर्च कर रहे हैं तो आप गरीब नहीं है। खुद को गरीब मानते...
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भ्रष्टाचार: शीला नहीं छोड़ेंगी कुर्सी, लालू ने पूछी अन्ना की हैसियत
नई दिल्ली. पिछले साल अक्टूबर में हुए १९ वें कॉमनवेल्थ खेलों में हुई फिजूलखर्ची और अनियमितता के लिए शीला दीक्षित की अगुवाई वाली सरकार को दोषी पाने वाली सीएजी की संसद में पेश रिपोर्ट में दिल्ली सरकार को फिजूलखर्ची के अलावा अनियमितताओं के लिए दोषी माना गया है। सीएजी रिपोर्ट में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को सुरेश कलमाड़ी को आयोजन समिति का अध्यक्ष बनाने के लिए दोषी माना है। रिपोर्ट में...
More »हद से बाहर-सुधांशु रंजन
उच्चतम न्यायालय के हाल के कुछ निर्णयों को लेकर राष्ट्रीय बहस शुरू हो गई है कि अदालतों को नीतिगत मामलों पर फैसला करने का हक है या नहीं। कई राजनीतिक दल न्यायपालिका की सीमा तय करने के लिए संसद में बहस कराना चाहते हैं। इस मुद्दे पर 14वीं लोकसभा में भी बहस हो चुकी है और उसमें संसद को सर्वोपरि माना गया था। परंतु न्यायालय को समीक्षा का अधिकार है,...
More »नोएडा जैसे विवादों की राह पर जयपुर का रिंग रोड
जयपुर। जयपुर का रिंग रोड प्रोजेक्ट भी नोएडा एक्सटेंशन की राह पर जाता दिख रहा है। अंतर सिर्फ इतना है कि नोएडा एक्सटेंशन में किसानों के हक में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कई हाउसिंग प्रोजेक्ट रुक गए हैं, जबकि यहां जमीन अवाप्ति होने के बाद किसानों ने रिंग रोड के लिए जमीन देने से ही मना कर दिया। यह फैसला मंगलवार को किसानों की महापंचायत में लिया गया।...
More »तली पर तालीम- अनुपमा(तहलका)
झारखंड में पिछले कुछ दिनों से शिक्षा पर बात हो रही है. आंदोलन हो रहे हैं. प्रदर्शन हो रहे हैं. इंटर का परीक्षा परिणाम आने के बाद बवाल मचा हुआ है. लेकिन यह सब आश्चर्य की बात नहीं. झारखंड में पिछले दस साल में शिक्षा की जो गति रही है उसकी परिणति ऐसी ही दुर्गति के रूप में होनी थी. अनुपमा की रिपोर्ट जिस राज्य में एक निर्दलीय विधायक मुख्यमंत्री बन...
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