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कृषि ऋण माफी: रिजर्व बैंक ने बैंकों से जानकारी मांगी

मुंबई । नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक :कैग: द्वारा कृषि रिण माफी में गंभीर अनियमितताओं संबंधी रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद अब भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से इस बारे में जानकारी मांगी है। रिजर्व बैंक ने बैंकों से 52,000 करोड़ रुपये की कृषि रिण माफी योजना में अनियमितताआें पर जानकारी मांगी है। साथ ही उनसे वसूली गई राशि तथा इस मामले में दर्ज एफआईआर का ब्यौरा मांगा है। केंद्रीय बैंक की अधिसूचना...

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क्या विरोध का ढंग बदल सकता है- गिरिराज किशोर

जनसत्ता 5 मार्च, 2013: इक्कीस-बाईस फरवरी का भारत-बंद लगभग सफल हुआ। उसके लिए श्रमिक संगठनों को बधाई। लेकिन इस महाबंद ने मन में कई सवाल उठा दिए। बंद होते रहते हैं। दो मुख्य तर्क इनके पीछे हैं। एक, मजदूरों या कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा, और दूसरा, अपने अधिकारों की शांतिपूर्ण और सामूहिक अभिव्यक्ति। दोनों बातें अपनी जगह सही हैं। मजदूर के अधिकार का संरक्षण होना जरूरी है। लेकिन असंगठित मजदूर...

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निर्भया को मरणोपरांत ‘साहसिक महिला पुरस्कार’ देगा अमेरिका

वाशिंगटन। अमेरिका ने दिल्ली गैंगरेप घटना की पीड़ित 23 वर्षीय ‘निर्भया’ को अंतरराष्ट्रीय साहसिक महिला पुरस्कार देने का फैसला किया है। एक अधिकारिक घोषणा में कल कहा गया कि ‘निर्भया’ को मरणोपरांत इस सम्मान से 8 मार्च को मिशेल ओबामा और विदेश मंत्री जॉन केरी द्वारा नवाजा जाएगा। विदेश मंत्रालय ने दुनियाभर की 10 महिलाओं को इस पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा के मौके पर ‘निर्भया’ के बारे में कहा कि भारत की...

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महंगाई पर पहली बार साथ हड़ताल पर जाएंगे मजदूर संघ

नई दिल्ली। पेट्रो कीमतों में ताजा वृद्धि से नाराजमजदूर संगठन केंद्र सरकार के खिलाफ पहली बार एक साथ हमला बोलने जा रहे हैं। महंगाई रोकने में सरकार की नाकामी के खिलाफ 11 केंद्रीय कर्मचारी संगठनों और मजदूर संघों ने 20 फरवरी से दो दिनी राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। भाजपा ने भी सड़कों पर उतरने का संकेत दिया है। एटक महासचिव गुरुदास दासगुप्ता ने शनिवार को कहा कि...

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सत्तर जैसा हाल, इक्यानबे जैसी आफत

नई दिल्ली, [अंशुमान तिवारी]। वित्त मंत्री के धमकाने पर विकास दर का आंकड़ा भले ही बदल जाए, लेकिन हकीकत बदलने वाली नहीं है। भारत के आर्थिक विकास की गति व्यावहारिक रूप से अब साठ-सत्तर के दशक वाली स्थिति में पहुंच गई है। विकास दर में से अगर विदेश व्यापार और विदेशी पूंजी को हटा दिया जाए तो देशी अर्थव्यवस्था पांच फीसद भी नहीं, बल्कि केवल 3 से 3.5 फीसद की दर से...

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