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किडनी देने में छत्तीसगढ़ की महिलाओं का प्रतिशत पुरुषों से अधिक

रायपुर। जिंदा रहते शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग में से एक किडनी (गुर्दा) का दान करना किसी के लिए भी आसान नहीं। तब जब कोई महिला इस परिस्थिति से गुजर रही हो, उसके अपने किसी की जिंदगी उसकी एक किडनी दान देने बच सकती हो। ऐसे में किडनी दान के लिए शारीरिक, मानसिक रूप से तैयार होने में छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है। वे किसी...

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महाराष्ट्र में आत्महत्या का प्रयास करने वाले किसान की मौत

मुंबई। तीन दिन पहले महाराष्ट्र सचिवालय के सामने कीटनाशक पीकर आत्महत्या का प्रयास करने वाले किसान माधव कदम की मौत हो गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस आशय की जानकारी दी। माधव सूखे का सामना कर रहे मराठवाड़ा क्षेत्र के नांदेड़ जिले के रहने वाले थे। माधव ने बुधवार को सचिवालय के सामने स्थित नए प्रशासनिक भवन के गेट पर कीटनाशक क्लोरिफायरोफॉस पी लिया था। अधिकारी ने बताया, 'माधव को...

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घर में शौचालय नहीं, तो नहीं मिलेगी सरपंची

छत्तीसगढ़ की ग्राम पंचायतों में अब पांचवीं पास व्यक्ति ही पंच और आठवीं पास व्यक्ति ही सरपंच बन सकेंगे। इसके साथ ही पंच-सरपंच बनने के लिए उनके मकान में जलवाहित शौचालय होना भी जरूरी है। इसके लिए छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है। पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर ने सोमवार को इससे संबंधित छत्तीसगढ़ पंचायत राज (संशोधन) विधेयक 2016 विधानसभा में प्रस्तुत किया। संशोधन विधेयक के अनुसार पंच...

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'दस साल में और बहुत सारी विधवाएं देखेंगे'- सौतिक बिस्वास

महाराष्ट्र के वाशीम ज़िले के एक गांव में रहने वाले किसान मुकुंदा वाघ ने 2009 में पहली बार कीटनाशक पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी. जब वो बेहोश होकर गिर गए और उनके मुंह से झाग निकलने लगा तो उनकी पत्नी ने उन्हें देखा और अस्पताल ले गईं. उस वक़्त अस्पताल में डॉक्टरों ने उनकी जान बचा ली. लेकिन तीन साल के बाद मई 2012 में क़िस्मत ने उनका साथ नहीं...

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मिलावटी दूध की बहती गंगा - भवदीप कांग

शुरुआत इसी विरोधाभासी तथ्य से करें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है! पिछले पंद्रह वर्षों में भारत में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता बढ़कर लगभग दोगुनी हो गई है। अब यह 322 ग्राम प्रतिदिन है। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि जब भारत में दूध की मांग व आपूर्ति का तंत्र अच्छी तरह विकसित हो चुका है तो हम मिलावटी दूध पीने को मजबूर क्यों हैं?...

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