देश में आये दिन जघन्य आपराधिक घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं. हरियाणा में घटी हालिया तीन घटनाएं इसकी सबूत हैं. हरियाणा के जींद में एक दलित लड़की की रेप के बाद बुरी तरह से हत्या कर दी गयी. एक दूसरी खबर है कि पानीपत में हत्या के बाद दलित लड़की की लाश के साथ रेप हुआ. वहीं फरीदाबाद में एक लड़की का पहले अपहरण किया गया, फिर चलती...
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अवसाद की फैलती विषबेल-- मनीषा सिंह
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2015 में एक रिपोर्ट जारी करके दुनिया को चेताया था कि डिप्रेशन यानी अवसाद दुनिया की सबसे बड़ी मानसिक बीमारी बनने जा रहा है। अकसर ऐसी स्वास्थ्य-रिपोर्टों और चेतावनियों पर हमारी नजर नहीं जाती, या वक्त के साथ हम उन्हें भूल जाते हैं, पर इनसे जुड़े हादसे साबित करते हैं कि इन चेतावनियों को याद रखना कितना जरूरी है। जैसे, दिल्ली के नजदीक हरियाणा के...
More »पितृसत्ता का हिंसात्मक उत्सव--- राजू पांडेय
जब महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने पिछले साल बयान दिया था कि बलात्कार के मामलों में भारत उन चार देशों में सम्मिलित है, जहां सबसे कम बलात्कार होते हैं, तो उनकी बड़ी आलोचना हुई थी। हालांकि मेनका गांधी का कथन अंशत: सही था। प्रति एक लाख जनसंख्या पर होने वाले बलात्कार के प्रकरणों की दर की बात करें तो भारत में इसकी दर 2.6 है। उनतीस अन्य...
More »गंभीर होते खेती व रोजगार के सवाल - प्रदीप सिंह
लोकसभा चुनाव अभी सवा साल दूर हैं। इसे यों भी कह सकते हैं कि लोकसभा चुनाव में बस 16 महीने रह गए हैं। सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। 2014 के लोकसभा चुनाव और 2019 के चुनाव में एक बड़ा फर्क होगा। तब कांग्रेस सत्ता में थी और उससे सवाल पूछे जा रहे थे। आज भाजपा सत्ता में है और उससे जवाब मांगा...
More »जेल सुधार का इंतजार-- पीयूष द्विवेदी
भारतीय समाज में जेल को लेकर अमूमन यही धारणा देखने को मिलेगी कि वह एक यंत्रणा-स्थल है, जहां अपराधी को उसके अपराधों के लिए तकलीफदेह तरीके से रख कर दंडित किया जाता है। इस धारणा को एकदम गलत तो नहीं कह सकते, मगर यह पूरी तरह सही भी नहीं है। निस्संदेह जेल में व्यक्ति को कठिन परिस्थितियों में ही रहना होता है, पर इसका यह अर्थ नहीं कि वह यंत्रणा-स्थल...
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