रांची। सर्व शिक्षा अभियान के 526 करोड़ रुपये का अभी तक समायोजन नहीं हो सका है। राज्य परियोजना निदेशक नितिन मदन कुलकर्णी द्वारा मंगलवार को सर्व शिक्षा अभियान की समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई। ज्ञात हो कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के प्रारंभ में सर्व शिक्षा अभियान के 966 करोड़ रुपये का समायोजन नहीं हुआ था। इसे लेकर कुलकर्णी ने सभी जिलों को राशि का समायोजन का सख्त आदेश दिया था। यहां यह उल्लेखनीय है...
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26 साल, 19 जज, 8 दोषी, सजा 2 साल
भोपाल: दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी में मरे करीब ख्भ् हजार लोगों को ख्म् साल बाद न्याय मिला या नहीं, इस पर बहस अब भी जारी रहेगी। परंतु ख् और फ् दिसंबर, क्9त्तब् को भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के संयंत्र से निकली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट के कारण हुए हादसे पर क्9 जजों द्वारा की गई सुनवाई के बाद अंतत: अदालत का फैसला आ गया है। सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मोहन पी....
More »रेतीले धोरों में दिखी नदियां
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान फेत के कारण राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में रहने वाले लोगों ने भी दो दिन तक बाढ़ का नजारा देखा। रेतीले धोरों में कभी पानी दूर-दूर तक नजर नहीं आता वहां पानी की नदियां देखकर लोगों को ताज्जुब हुआ। हालांकि तेज बारिश का दौर आज पूरे राजस्थान में ही थम गया। सुबह जरूर प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में बारिश हुई, लेकिन शाम तक...
More »महाराष्ट्र पर न्यौछावर दलहन-तिलहन बीज गांव योजना
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह], नाम राष्ट्र का, काम महाराष्ट्र का। देश को दालों और खाद्य तेलों की किल्लत से बचाने की केंद्र सरकार की दलहन-तिलहन बीज गांव योजना का असल क्रियान्वयन कृषिमंत्री शरद पवार के गृह राज्य में होगा। योजना के तहत सात राज्यों के जिन असिंचित गांवों का चयन किया गया है, उनमें सर्वाधिक 14,400 गांव महाराष्ट्र के हैं। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के केवल 5,400 गांवों को शामिल किया गया है। जबकि मध्य प्रदेश...
More »अमीर देशों के समूह में भारत भी होगा शामिल!
नई दिल्ली। आज जब दुनिया के तमाम अमीर देश आर्थिक संकट से उबरने के रास्ते तलाश रहे हैं, उस वक्त भारत की आर्थिक विकास दर जोरदार रफ्तार पकड़े हुए है। वित्त वर्ष 2009-10 की अंतिम तिमाही में जीडीपी में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि इसका साफ सबूत है। इस विकास दर ने दुनिया के तमाम मुल्कों को चौंका दिया है। यही वजह है कि अब कृषि प्रधान मुल्क को गांठने के लिए इन अमीर देशों...
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