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मजदूरों की घर वापसी से बिहार में शुरू हो सकता है ज़मीन का ख़ूनी संघर्ष

-न्यूजलॉन्ड्री, जून 2019 की एक दोपहर बिहार के बांका जिले के चांदपुर गांव की रहने वाली 25 वर्षीय पूनम दिल्ली के प्रेस क्लब में अपनी दो साल की बेटी को लेकर खड़ी थीं. बेटी के शरीर पर कई दाग निकले हुए थे. उस दिन बंधुआ मजदूरों को छुड़ाने वाले एक स्वयंसेवी संगठन की प्रेस कांफ्रेंस थी. पूनम खुद एक बंधुआ मजदूर थी, लेकिन मजदूरों को वहां से निकालने में उनकी बड़ी...

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उत्तर प्रदेश में 38 दिनों में मात्र 19 लाख टन गेहूं की हुई खरीद, उत्पादन का केवल 5.26 फीसदी

-आउटलुक, मध्य प्रदेश में जहां गेहूं की खरीद तय लक्ष्य 100 लाख टन को पार कर गई है, वहीं गेहूं के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में 38 दिनों में मात्र 19.09 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई है जोकि राज्य के कुल उत्पादन का 5.26 फीसदी और राज्य से खरीद के लक्ष्य का 34.71 फीसदी ही है। उत्तर प्रदेश में चालू रबी में गेहूं का उत्पादन 363 लाख...

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कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पीएम को लिखा खत, मनरेगा के तहत खेतों में काम करने की अनुमति देने की मांग

-आउटलुक,  पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्र सरकार को एक विशेष मामले के तौर पर प्रवासी कामगारों की कमी के मद्देनजर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) अधीन काम करने वाले कार्ड धारकों को पंजाब में रबी/खरीफ सीजन 2020-21 के दौरान दोनों फसलों के लिए खेतों में काम करने की अनुमति देने के लिए मांग की। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अपील की है कि...

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महाराष्ट्र: पैदल घर लौट रहे एक श्रमिक की भूख-प्यास से मौत

-द वायर,  महाराष्ट्र के पुणे जिले से पैदल चलकर परभणी स्थित अपने गांव जा रहे चालीस वर्षीय एक श्रमिक की भूख और प्यास से मौत हो गई. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी है. अंभोरा पुलिस थाने के सहायक निरीक्षक ज्ञानेश्वर कुकलारे ने बताया कि सोमवार को बीड जिले के धनोरा गांव में अपने गांव से करीब 200 किलोमीटर दूर पिंटू पवार मृत पाए गए. अधिकारी ने कहा, ‘पोस्टमार्टम होने पर...

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लॉकडाउन से रोजगार खतरे में!

अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी (APU) के विभाग ‘सेंटर फॉर सस्टेनेबल एंप्लॉयमेंट’ द्वारा जारी अध्ययन के प्रारंभिक परिणामों से संकेत मिलता है कि लॉकडाउन का कामकाजी लोगों की आजीविका पर बहुत बुरे प्रभाव पड़े हैं. हाल ही में सेंटर फॉर सस्टेनेबल एंप्लॉयमेंट ने सिविल सोसाइटी संगठनों के साथ मिलकर देश भर में यह सर्वेक्षण किया जा रहा है. आजीविका पर प्रभाव 13 अप्रैल, 2020 और 9 मई, 2020 के बीच टेलीफोनिक साक्षात्कार के माध्यम...

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