जनसत्ता : शहरी विकास मंत्रालय का प्रस्ताव है कि विदेशी कंपनियों को कृषि-भूमि खरीदने की अनुमति दी जाए ताकि शहरीकरण की प्रक्रिया में विदेशी निवेश हो और विकास रफ्तार पकड़ सके। मंत्रालय की दलील है कि शहरी आवास परियोजनाओं के लिए पहले से ही कृषि-भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, इसलिए विदेशी कंपनियों को भी इस उद््देश्य के लिए कृषि-भूमि खरीदने की अनुमति देने में कोई हर्ज नहीं है।...
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गालिब! गुजरात का ख्याल अच्छा है- चंदन श्रीवास्तव
मिर्जा गालिब को लगता था कि जन्नत, एक ख्याल ही सही मगर दिल को बहलाये रखने के लिहाज से ‘यह ख्याल अच्छा है’. वैसे, ऐसा कहते हुए उनके दिल में कोई कांटा जरूर चुभता रहा होगा. तभी उन्होंने अपने मशहूर शे’र में जन्नत से दोहरा बदला लिया. एक तो उसे महज ख्याल भर बताया और साथ में यह भी जोड़ दिया कि- सबको मालूम है जन्नत की हकीकत.. यहां गालिब की बात...
More »चुनौती है पहचान की राजनीति- सुभाषिनी अली
इस वर्ष की शुरुआत कमोबेश उसी तरह की घिनौनी घटनाओं के साथ हुई, जिनके साथ 2013 का अंत हुआ था। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले की एक आदिवासी पंचायत ने अपने ही समुदाय की एक 20 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किए जाने का फरमान जारी कर दिया और दिल्ली के लाजपत नगर मार्केट में अरुणाचल प्रदेश के एक 19 वर्षीय नौजवान को लाठी-सरियों से इतनी बुरी तरह पीटा गया कि...
More »किसने बनाया किसान को गरीब- कुसुमलता केडिया
भारत की हजारों वर्षों की जिस संपन्नता की बात की जाती है, वह मुख्यतया किसानों, शिल्पियों और व्यापारियों पर टिकी थी। राजकोष में आने वाले धन का सबसे बड़ा हिस्सा किसानों से प्राप्त होता था। मनु-स्मृति, विष्णुधर्मसूत्र, गौतमधर्मसूत्र आदि में स्पष्ट व्यवस्था है कि सामान्यतया राज्य कृषि उत्पादन का बारहवां अंश लेगा। अगर कोई विशेष संकट उपस्थित हो तो आठवां या छठा अंश भी मांगा जा सकता है। कभी-कभार ही...
More »महिला सशक्तीकरण का माध्यम बना सोलर चरखा- पुष्यमित्र
पिछले दिनों 14वें वित्त आयोग की टीम झारखंड की वित्तीय जरूरतों का आकलन करने के लिए रांची आयी हुई थी. इस दौरान राज्य सरकार की ओर से उन्हें रांची से पिस्का नगड़ीइलाके का भ्रमण कराया गया जहां वे उन महिलाओं से मिले जो सोलर चरखा की मदद से सिल्क का धागा तैयार कर रही हैं और इस प्रयास के जरिये ये महिलाएं अपने परिवार और गांव में खुशहाली ला रही हैं. जब...
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