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कोविड-19 टीके के लाभार्थियों से पूछे बिना ही बना दी स्वास्थ्य आईडी

-कारवां, मई 2021 की शुरुआत में 29 वर्षीय श्वेता सुंदर अपने परिवार के तीन सदस्यों के साथ कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खुराक लेने के लिए दक्षिणी दिल्ली के एक सरकारी स्कूल गई थीं. टीकाकरण केंद्र के कर्मचारियों ने उन्हें पहचान के लिए आधार कार्ड जमा करने को कहा. सरकार ने जो दिशानिर्देश जारी किए हैं उनके अनुसार लाभार्थी छह अन्य प्रकार के सरकारी पहचान पत्र जमा कर सकते हैं. सुंदर ने कहा, “उस...

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विश्व कपास दिवस: कपास से दुनिया भर में 10 करोड़ से अधिक परिवारों को होता है फायदा

-डाउन टू अर्थ, हम अधिकतर कपास से बनाए जाने वाले कपड़ों को पहनते हैं। यह आरामदायक, सांस लेने योग्य और टिकाऊ होते है। कपास सिर्फ एक वस्तु ही नहीं है उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। यह प्राकृतिक रूप से बनाया जाने वाला कपड़ा दुनिया भर में लोगों के जीवन बदलने वाला उत्पाद है। दुनिया भर में कपास को 286.7 लाख से अधिक किसान उगाते हैं। यह 5 महाद्वीपों के 75 देशों...

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क्या हम भारतीय कृषि क्षेत्र में घटती किसानी आमदन के साक्षी हैं?

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के 77वें दौर के सर्वेक्षण पर आधारित 'ग्रामीण भारत में परिवारों की स्थिति का आकलन और परिवारों की भूमि जोत, 2019', हाल ही में जारी स्थिति आकलन सर्वेक्षण इस तथ्य को स्थापित करता है कि किसान परिवार अपनी आजीविका के लिए 'खेती-बाड़ी से शुद्ध आय' के बजाय मजदूरी पर अधिक से अधिक निर्भर हैं. मार्क्सवादी शब्दावली में, सर्वहाराकरण (एक शब्द जिसे हम निर्वासन के लिए शिथिल रूप से उपयोग कर सकते हैं) उस प्रक्रिया...

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लखीमपुर हत्याकांड और राष्ट्रीय समाचार पत्रों की कवरेज!

-गांव सवेरा, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में बीजेपी मंत्री की गाड़ी द्वारा किसानों को कुचलकर मारने की घटना के दूसरे दिन समाचार पत्रों की कवरेज की समीक्षा के लिए अंग्रेजी और हिंदी के कुछ समाचार पत्रों को शामिल किया है. अंग्रेजी समाचार पत्रों में ‘द हिंदू’, ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ और ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ शामिल है वहीं हिंदी के समाचार पत्रों में ‘दैनिक भास्कर’,’दैनिक ट्रिब्यून’,’दैनिक जागरण’, और ‘अमर उजाला’ जैसे राष्ट्रीय...

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उत्तर प्रदेश के किसान से तीन गुणा अधिक कमाता है पंजाब का किसान

-डाउन टू अर्थ, उत्तर प्रदेश के किसान की मासिक आमदनी के मुकाबले पंजाब के किसान की मासिक आमदनी तीन गुणा से अधिक है। जबकि झारखंड के किसान के मुकाबले 5 गुणा अधिक है। गत सितंबर माह में राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) ने ग्रामीण भारत में कृषक परिवारों की स्थिति और परिवारों की भूमि एवं पशुधन का मूल्यांकन 2019 रिपोर्ट जारी की गई। इस रिपोर्ट में किसानों द्वारा मासिक आमदनी की जानकारी दी गई...

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