भोपाल गैस त्रासदी मनुष्य जाति के इतिहास का भयावहतम औद्योगिक हादसा था, लेकिन इसके शिकार हुए लोगों के साथ हुआ अन्याय भी किसी त्रासदी से कम नहीं है। यूनियन कार्बाइड में ‘काराबिल’ नामक कीटनाशक बनाया जाता था, जिसका इस्तेमाल मुख्यत: कपास की खेती में होता है। गैस त्रासदी के बाद ही मैंने निश्चय किया था कि मैं जैविक खेती को बढ़ावा देने की कोशिश करूंगी और यही विचार ‘नवधान्य’ की...
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अनधिकृत कालोनाइजरों पर कसेगा शिकंजा
जागरण ब्यूरो, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने शुक्रवार को घोषणा की कि सरकार शीघ्र ही पंजाब अपार्टमेंट प्रॉपर्टी रेगुलेशन एक्ट, 1995 में संशोधन करेगी, ताकि अनधिकृत कालोनियों का निर्माण करने वाले कालोनाइजरों एवं बिल्डरों को कानून के घेरे में लाया जा सके और भोले-भाले लोगों को उनके हाथों लुटने से बचाया जा सके। कन्फेडरेशन ऑफ रीयल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशंस ऑफ इंडिया की पंजाब इकाई के शिष्टमंडल के साथ बैठक...
More »राज्य में ई-वर्ज्य वस्तु बनी मुख्य समस्या
भुवनेश्वर। इलेक्ट्रानिक्स वर्ज्य वस्तु (ई-वर्ज्य वस्तु) के परिचालन हेतु विधिवत व्यवस्था न होने की वजह से काफी समस्याएं सामने आ रही हैं। ई-वर्ज्य वस्तु परिवेश को काफी मात्रा में प्रदूषित करने से आम लोगों में इसे लेकर काफी असंतोष देखने को मिल रहा है। इससे राज्य सरकार ने इसके सुपरिचालन हेतु एक उच्च स्तरीय कमेटी गठन करने का निर्णय लिया है। पहले यह कमेटी दिल्ली तथा हैदराबाद जाकर वहां के...
More »जीन का जिन्न-- देविंदर शर्मा
एक बार जीन बाहर आ जाए तो इसे रोकने का कोई रास्ता नहीं है. इसका लंबे समय से डर था. सामाजिक कार्यकर्ता और सजग वैज्ञानिक इसकी चेतावनी दे चुके थे, किंतु सरकार ने आंखें मूंदे रखीं. अब डर सच साबित हो चुका है. इसने पर्यावरण प्रदूषण के एक और विनाशकारी रूप-जीन प्रदूषण पर चिंता बढ़ा दी है. जीएम धान दिल्ली के एक अनुसंधान संगठन 'जीन कैंपेन' ने पता लगाया है कि बीज कंपनी...
More »हरे कानून बदलेंगे रहन-सहन की तहजीब
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। जलवायु परिवर्तन के खतरों के खिलाफ देश में धीरे-धीरे खड़ी हो रही हरे कानूनों की नई बाड़ का असर आने वाले कुछ दिनों में आम आदमी की जिंदगी पर नजर आने लगेगा। मामला साफ हवा के नए मानकों का हो या ई-कचरे को नियंत्रित करने के पैमानों का। पर्यावरण केंद्रित नियम-कायदों का नया सांचा देश में रहन-सहन की तहजीब को नई शक्ल देने में जुटा है। बीते एक साल में सरकार...
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