-न्यूजलॉन्ड्री, शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) प्रवीर रंजन द्वारा दंगे से जुड़े मामलों में गिरफ्तारी को लेकर दिए एक आदेश पर दायर याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैट ने इस आदेश को शरारतपूर्ण बताया. आठ जुलाई को दिल्ली पुलिस के विशेष सीपी प्रवीर रंजन ने दिल्ली में फरवरी महीने में हुए दंगों की जांच कर रहे अधिकारियों को एक आदेश...
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भीमा कोरेगांव: अदालत ने डीयू प्रोफेसर हेनी बाबू को सात दिन की हिरासत में भेजा
-द वायर, भीमा कोरेगांव-एलगार परिषद मामले के सिलसिले में गिरफ्तार दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर हेनी बाबू को एक विशेष अदालत ने बुधवार को चार अगस्त तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बीते 28 जुलाई को 54 वर्षीय हेनी बाबू एमटी को इस मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. वह दिल्ली विश्वविद्यालय में अंग्रेजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. उन्हें बुधवार को मुंबई में एक विशेष...
More »दिल्ली दंगा: पांच महीने बाद भी मुआवज़े की 700 याचिकाएं लंबित
-द वायर, उत्तर पूर्वी दिल्ली में इस साल फरवरी महीने में हुए सांप्रदायिक दंगों के पांच महीने गुजर जाने के बाद भी अब तक 700 मुआवजा याचिकाएं लंबित पड़ी हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशासन के पास जून के अंत तक मुआवजे के लिए लगभग 3,200 याचिकाएं आईं, जिसमें से 1,700 को मंजूरी दी गई जबकि लगभग 700 याचिकाएं अभी भी लंबित हैं. एक अधिकारी ने बताया कि वहीं 900 से...
More »जातिगत भेदभाव को लेकर कब ख़त्म होगा भारतीयों का दोहरापन
-द वायर, ‘जाति समस्या- सैद्धांतिक और व्यावहारिक तौर पर एक विकराल मामला है. व्यावहारिक तौर पर देखें तो वह एक ऐसी संस्था है जो प्रचंड परिणामों का संकेत देती है. वह एक स्थानीय समस्या है, लेकिन एक ऐसी समस्या जो बड़ी क्षति को जन्म दे सकती है. जब तक भारत में जाति अस्तित्व में है, हिंदुओं के लिए यह संभव नहीं होगा कि वह अंतरजातीय विवाह करें या बाहरी लोगों के...
More »फैक्ट चैक : कोरोनावायरस लॉकडाउन में मोदी सरकार के दस बड़े झूठ
-कारवां, 24 मार्च को जब केंद्र सरकार ने नोवेल कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की तो सरकार के प्रतिनिधियों और मंत्रियों ने अपनी राजनीति को सही ठहराने और आलोचना से पल्ला छुड़ाने के लिए जनता के बीच लगातार आधी-अधूरी और झूठी बातें प्रचारित की. अधिकारियों ने जो दावे किए उनमें से कई जमीनी रिपोर्टों से मेल नहीं खाते. देश के कई हिस्सों में भूख और भुखमरी...
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