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एक ही प्लेटफॉर्म के माध्यम से होगा सभी बिलों का पेमेंट

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि जल्द ही देशभर में भारत बिल पेमेंट सिस्टम लॉन्च किया जायेगा. साथ ही टीआरइडीएस यानी ट्रेड रिसिवेबल्स डिस्काउंट सिस्टम को भी मौजूदा वित्तीय वर्ष में लॉन्च किया जा सकता है. दूसरी ओर ‘पीडब्ल्यूसी' द्वारा जारी एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि एडवांस पेमेंट इकोसिस्टम की बदौलत भारत जैसे उभरते हुए अर्थव्यवस्थावाले देश में भुगतान की प्रक्रिया...

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अर्थव्यवस्था के तीन इंजन-- भरत झुनझुनवाला

सरकार का दावा है कि अर्थव्यवस्था 7.6 प्रतिशत की सम्मानजनक गति से आगे बढ़ रही है. हकीकत यह है कि जमीनी स्तर पर विकास नहीं दिख रहा है. महाराष्ट्र के सीमेंट विक्रेता ने बताया कि बिक्री 30 प्रतिशत कम है. दिल्ली के टैक्सी चालक ने कहा कि बुकिंग कम हो रही है. इसके विपरीत बड़ी कंपनियां ठीक-ठाक हैं. बहरहाल, आम आदमी का धंधा कमजोर है. संभवतया इसका प्रमुख कारण मोदी...

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बने रोजगारपरक कर-प्रणाली--भरत झुनझुनवाला

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने चेतावनी दी है कि आनेवाले समय में भारत में बेरोजगारी की समस्या गहराती जायेगी. पिछले दो दशक में भारत में तीव्र आर्थिक विकास हुआ था.  इस अवधि में 30 करोड़ युवाओं ने प्रवेश किया. तीव्र विकास के बावजूद इनमें आधों को ही रोजगार मिल सका है. ये सीमित रोजगार भी मुख्यतः असंगठित क्षेत्र में मिले, जैसे रिक्शा चलाने में अथवा कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में. ऐसे...

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आ रही है टेक्नोलॉजी की आंधी!- संदीप मानुधने

हम सब विभिन्न टेक्नोलॉजी यंत्रों के साथ काफी अभ्यस्त हो चुके हैं. हमें अच्छा लगता है जब न्यूनतम प्रयास में अधिकतम आउटपुट हम निकाल पाते हैं. 1980-90 के दशकों में कार्यरत रहे प्रोफेशनल्स से पूछिए कि कितना पसीना केवल फोन लगाने एवं फैक्स प्राप्त करने में लग जाता था! काम को दरकिनार कर केवल संपर्क साधने में एवं दूसरों से दस्तावेज टाइप करवाने में (और प्रतिलिपियां बनवाने में) ही कितनी...

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विश्व-व्यापार और भारत- संदीप मानुधने

सन् 1980 के पश्चात पूरे विश्व में उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की ऐसी आंधी चली कि विश्व-व्यापार के सभी मानकों व मापदडों में आमूल-चूल परिवर्तन हो गया. अब किसी भी देश को यदि समृद्ध बनना था, तो यह न केवल महत्वपूर्ण था वरन अत्यावश्यक भी कि आप अपनी अर्थव्यवस्था को विश्व के साथ जोड़ें. इस हेतु भारत ने अनेक स्थानीय व्यवस्थाओं व विनियमनों में भारी परिवर्तन किये. यह अलग बात...

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