हरियाणा और उसके आसपास का बड़ा इलाका जाट समुदाय की आरक्षण की मांग की आग में झुलस गया। इन मांगों का कभी अंत भी नहीं होगा। समानता व सामाजिक उत्थान के लिए आरक्षण की मांगों के पक्ष में कुछ भी तर्क दिए जाएं, लेकिन मुट्ठीभर लोगों का ही भला करने वाले इस तरीके से न तो समानता आने वाली है और न ही समाज में जातियों का जहर मिटने वाला...
More »SEARCH RESULT
प्राइवेट सेक्टर में OBC को 27 फीसदी आरक्षण की सिफारिश
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) ने निजी क्षेत्र की नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उम्मीदवारों को 27 फीसदी आरक्षण देने की सिफारिश की है. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अधीन गठित संवैधानिक निकाय एनसीबीसी ने कहा है ऐसा कानून लाए जाए, जिससे उद्योग-कारोबार, अस्पताल, स्कूलों, ट्रस्टों समेत तमाम निजी संगठनों में अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 27 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था करना...
More »हिंदी सम्मेलन में खो गया बहुभाषीय भारत - डॉ अनिल सद्गोपाल
विश्व हिंदी सम्मेलन सरकारी जश्न था। सरकारी जश्नों की तरह यह जश्न भी कुछ मिथकों पर टिका हुआ था। इसका सबसे बड़ा मिथक था कि हिंदी का विकास बहुभाषीय भारत की तमाम समृद्ध भाषाओं को हाशिए पर धकेलकर करना संभव है। कहीं दूर से भी यह संदेश नहीं निकला कि जिस अंग्रेजी साम्राज्यवाद के खिलाफ हिंदी संघर्ष कर रही है, उसी के खिलाफ बाकी भारतीय भाषाएं भी जूझ रही हैं...
More »सवर्ण पटेलों का आरक्षण आंदोलन- डा हरि देसाई
अखंड भारत के शिल्पी सरदार वल्लभभाई पटेल सवर्ण एवं धार्मिक आरक्षण के घोर विरोधी थे. इसके बावजूद गुजरात में उनके नाम पर सवर्ण पाटीदार आरक्षण आंदोलन चल पड़ा है. गुजरात के लिए मंगलवार (25 अगस्त) अमंगल रहा. गुजरात की जनता अपने काम में ही व्यस्त रहने के लिए जानी जाती है और शांत प्रजा की उसकी छवि है, किंतु किसी एक मसले को लेकर वह जब आंदोलन करने पर उतारू हो...
More »सामाजिक न्याय के सवाल- योगेन्द्र यादव
अच्छा हुआ कि देश ने मंडल आयोग की रपट लागू करने की पच्चीसवीं वर्षगांठ को नजरंदाज कर दिया। अच्छा इसलिए नहीं, कि मंडल आयोग की रपट कोई मुसीबत थी, जिसे भुला देना ही भला है। मंडल आयोग देश में सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा और जरूरी कदम था। मगर, इसे बार-बार दोहराना हमें कुछ बासी और अप्रासंगिक सवालों की ओर ले जाता है। आज से 25 साल पहले 7...
More »