ओडिशा देश के पिछड़े राज्यों में से एक है। इस राज्य के आदिवासी इलाके अकाल, भुखमरी, कुपोषण के विशेषण को अपनी पहचान के साथ ढोते रहते हैं। इन्हीं आदिवासी इलाकों का एक दूसरा सच भी जान लीजिए- लिविंग फार्म की ओर से दो जिलों के छह गांवों की एक अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक यहां खाने-पीने की 121 चीजें पाई जाती हैं। इनमें 30 किस्म के मशरूम, जिसे स्थानीय बोली में...
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यूपी में किसान वोटों के लिए गर्म हुई सियासत
लखनऊ:लोकसभा चुनावों को नजदीकी आता देख यूपी के सभी राजनीतिक दल किसानों के हितैषी बनने में जुट गए हैं. अपने-अपने तरीके से काग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) तथा समाजवादी पार्टी (सपा) अब किसानों को एक बड़ा वोटबैंक मानकर उनकी समस्याओं को उठाने लगे हैं. इसीक्रम में कांग्रेस, बसपा, रालोद तथा भाजपा में किसान दिवस मनाने की होड़ लग गई है. इसके लिए इन दलों...
More »सुखाड़ की घोषणा से किसानों को लाभ नहीं
पटना: राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि बिहार में सुखाड़ की स्थिति काफी गंभीर है. सरकार को एक माह पहले ही सुखाड़ घोषित करना चाहिए था. अब इससे किसानों को कोई खास फायदा नहीं होनेवाला है. वह केंद्र से सुखाड़ की स्थिति से निबटने के लिए विशेष पैकेज देने की मांग करेंगे. जल्द ही केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम से इस मसले पर बात...
More »कहां खो गई गन्ने की मिठास- वी एम सिंह
सभ्य समाज पर मुजफ्फरनगर दंगा एक धब्बा है, जिसमें करीब 44 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यह राजनीतिक पार्टियों का वोट बैंक एजेंडा तो हो सकता है, परंतु इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के आपसी भाईचारे को गहरा धक्का लगा है। इस दंगे की लपट में आने से हजारों किसानों को गांवों से पलायन करना पड़ा है। कवाल गांव की घटना तो एक नमूना भर है। प्रदेश...
More »झारखंड में सुखाड़!
राज्य में सूखे के हालात हैं. बारिश नहीं हो रही है. स्थिति खराब होती जा रही है. फिलहाल सिर्फ 32 फीसदी ही रोपा हुआ है. ऐसे में सरकार चुप है. स्थिति पर पैनी नजर रखनेवाले कृषि विभाग में अलग से कोई मंत्री ही नहीं है. फिलहाल मुख्यमंत्री ही कृषि मामलों को देख रहे हैं. राज्य को सूखाग्रस्त घोषित होने की स्थिति में विभागीय स्तर पर कई अहम निर्णय लेने होंगे....
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