कोयला खदान आवंटन मामले में सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले ने साल 1993 से लेकर 2010 के बीच की केंद्र सरकारों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों की आवंटन-प्रक्रिया में कथित निष्पक्षता और पारदर्शिता की कलई खोल दी है। शीर्ष अदालत ने इस बीच के 218 कोयला ब्लॉकों के आवंटन को अवैध बताया है। इस फैसले ने उस बदतर स्थिति का खुलासा किया है, जिसमें ‘क्रोनी कैप्टिलिज्म' और ‘कमजोर नेतृत्व' एक स्तर पर...
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कोर्ट के फैसले से कहीं ऊर्जा सेक्टर के प्राण न निकल जाएं
सुप्रीम कोर्ट ने 194 कोयला खदानों का आवंटन अवैध ठहराने का ऐतिहासिक फैसला जरूर किया है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि देश और देशवासियों को इसकी बड़ी कीमत चुकाना पड़ सकती है। इन खदानों से कोयले का खनन नहीं हुआ तो देश अंधेरे में डूब सकता है, स्टील और सीमेंट जैसे ऊर्जा पर आश्रित क्षेत्र चरमरा सकते हैं। कोयला घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हड़कंप है। सियासी...
More »कालिख की उजागर होती परतें - राजीव सचान
लगता है, मनमोहन सिंह को सत्ता से बाहर होने के बाद भी चैन नहीं मिलने वाला। पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के बाद अब उनके चैन में खलल डाला है पूर्व कैग विनोद राय ने। वह भी अपनी किताब के साथ हाजिर होने वाले हैं। उनकी किताब 'नॉट जस्ट एन एकाउंटेंट" अभी बाजार में नहीं आई, लेकिन उसके सार्वजनिक हुए कुछ अंश बताते हैं कि किस तरह उन पर इसके...
More »मध्यप्रदेश में कोयले की लाइजनिंग फीस में करोड़ाें का खेल
हर्ष पचौरी, भोपाल । मध्यप्रदेश के थर्मल पावर प्लांटों तक कोयले की सप्लाई करने वाली नागपुर की प्राइवेट फर्म नायर एंड संस पर एमपी पावर जनरेशन कंपनी की मेहरबानी फिर सामने आई है। पिछले पांच साल से कंपनी नागपुर की प्राइवेट फर्म को छत्तीसगढ़ की कोयला खदानों से सप्लाई की निगरानी के एवज में जो रकम अदा कर रही है, वो सामान्य दर से दो गुना से भी अधिक साबित...
More »पूरे देश में फिर महंगी होगी बिजली, बजट ने बढ़ाई कोयला और उत्पादन की लागत
नई दिल्ली। पूरे देश्ा में एक बार फिर बिजली की दरें बढ़ने वाली हैं। बजट में हुई घोषणाओं ने महंगी बिजली की जमीन तैयार कर दी है। पिछले माह ही विभिन्न राज्यों के बिजली नियामकों ने बिजली दरें बढ़ाने का आदेश दिया था। सरकार ने बजट में विदेश से आयातित कोयले पर क्लीन एनर्जी सेस को 50 रुपए से बढ़ाकर 100 रुपए प्रति टन कर दिया है। वहीं कोयले पर...
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