बजट का इंतजार सबको है। खासकर ग्रामीण और कृषक वर्गों में इसकी बेसब्री ज्यादा है। उनके लिए यह बजट ‘रक्षक' या ‘भक्षक' की भूमिका निभाने वाला होगा, क्योंकि पिछले दो बजट में किसानों के लिए कुछ खास नहीं था। आम चुनाव के दौरान किए गए वादों ने उनमें खासा उत्साह भरा था, लेकिन धरातल अनछुआ रह गया। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा 50 फीसदी लाभकारी मूल्य देने की...
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मालवा में आलू की आधी फसल चट कर जाएगा बिगड़ा मौसम
इंदौर। मालवा में आलू की लगभग आधी फसल को बिगड़ैल मौसम चट कर जाएगा। इस साल सर्दी के मौसम में भी अधिक तापमान के कारण आलू की फसल नहीं जमी। कई जगह अधिक गर्मी के कारण अंकुरण नहीं हो पाया। ऊपर से जलस्रोतों ने समय से पहले दम तोड़ दिया। इंदौर संभाग में गत वर्ष की तुलना में किसानों ने आलू का रकबा तो बढ़ाया, लेकिन मौसम दगा दे गया।...
More »साम्प्रदायिक हिंसा बढ़ी, मरने वालों की संख्या में मामूली कमी: रिपोर्ट
नई दिल्ली। देश में असहिष्णुता पर छिड़ी बहस के बीच केंद्रीय गृहमंत्रालय की एक रिपोर्ट ने मोदी सरकार को राहत दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 2014 की तुलना में साम्प्रदायिक हिंसा में मरने की संख्या घटी है। इस साल अक्टूबर तक ऐसी वारदातों में मरने वालों का आंकड़ा 86 था, जबकि 2014 में इसी अवधि में 90 लोगों की जान गई थी। हालांकि साम्प्रदायिक तनाव की घटनाओं में वृद्धि देखी...
More »'ऐसा अकाल 35 साल में मैंने कभी नहीं देखा'
छत्तीसगढ़ के उत्तर मरवाही इलाके के गांव डेडिया में लोगों ने अब सूखते खेतों में जाकर बारिश के लिए प्रार्थना करना छोड़ दिया है. साठ दिन पुराने धान की हल्की किस्मों की फसल से अब उम्मीद नहीं रही कि अब वो पनप पाएंगी. गांव के लोगों ने एक दिन तय कर लिया कि पूरा खेत मवेशियों के लिए छोड़ दिया जाए. गांव के फ़ैसले के बाद चरवाहा लवन सिंह खेतों में जाकर...
More »चुनावी बाढ़ में सूखे का समाचार- चंदन श्रीवास्तव
हम सारी बातों पर बहस नहीं करते. बहस का विषय वही बातें बनती हैं, जिन्हें महत्वपूर्ण मान कर समाचार के रूप में परोस दिया गया हो. एक समय में एक ही जगह अनेक घटनाएं हो रही होती हैं और वे समान रूप से महत्वपूर्ण हो सकती हैं, लेकिन सबके भाग्य में समाचार होना नहीं लिखा रहता. जो घटनाएं समाचार बनने से रह जाती हैं, वे हमारी चिंता के दायरे से भी...
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