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राजद्रोह का चना जोरगरम-- चंदन श्रीवास्तव

फिल्म प्यासा का गीत है- ‘सर जो तेरा चकराये या दिल डूबा जाये', एक जगह तनिक छेड़ के साथ पात्र कहता है कि ‘लाख दुखों की एक दवा है क्यों ना आजमाये.' ऐसी दवा साहित्य के पन्नों में मिला करती है, लेकिन लगता है अब राजनीति ने भी यह दवा खोज निकाली है. सार्वजनिक महत्व के मसले पर राजनीतिक असहमति से उपजनेवाले तमाम दुख-दर्दों से छुटकारे की इस दवा का...

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राजद्रोह के मामले बिहार और झारखंड में सबसे ज्यादा-- एनसीआरबी की नई रिपोर्ट

  अलगाववादी रुझान वाले पूर्वोत्तर या जम्मू-कश्मीर में नहीं बल्कि बिहार और झारखंड में राजद्रोह की सबसे ज्यादा घटनाएं प्रकाश में आयी हैं. नेशनल क्राईम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) विगत दो वर्षों से राजद्रोह के मामलों के बारे में आंकड़े प्रकाशित कर रहा है और ये आंकड़े बताते हैं कि अन्य राज्यों की तुलना में 2015 में राजद्रोह के सर्वाधिक घटनाएं बिहार में प्रकाश में आईं जबकि झारखंड 2014 में राजद्रोह की घटनाओं...

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दो मोर्चों पर सबसे ज्यादा नाकाम रहे नरेंद्र मोदी-- तवलीन सिंह

रियो में फिर वही हुआ, जो अक्सर होता है भारतवर्ष के साथ ओलंपिक खेलों में। यानी छोटे-छोटे देश हमारे विशाल देश से ज्यादा पदक हासिल कर जाते हैं। इस बार दो महिलाओं ने लाज बचाई, वरना शायद खाली हाथ लौट कर आते हमारे खिलाड़ी। जैसा अक्सर होता है, जब भारतवासी दुनिया के मुकाबलों में नाकाम होते हैं, विशेषज्ञ निकल कर आए अपने बिलों से विश्लेषण करने। सो, इस बार हमको...

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टैक्स से आजादी, हुई बरबादी-- अनिल रघुराज

संधिकाल की बेला है, न जाने कितनी लंबी खिंचेगी. यह नखलिस्तानों की तलाश नहीं, मरीचिकाओं में भटकने का दौर है. हकीकत कुछ और, मगर बताया जाता है कुछ और. हर टैक्स मूलतः जनता से धन छीन कर सत्ता की तिजोरी भरता है.  सरकार अगर जनोन्मुखी न हो, तो जनता का इससे प्रत्यक्ष रूप से कोई भला नहीं होता, खासकर तब, जब उसे उसकी आय या मुनाफे पर नहीं, बल्कि वस्तुओं...

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सात दशक के बाद-- रघु ठाकुर

स्वतंत्रता और स्वाधीनता का क्या अर्थ है? स्वतंत्रता एक व्यवस्थागत आजादी का बोध कराती है। मसलन, स्वतंत्र यानी हमारे देश का अपना प्रशासन, अपनी शासन-प्रशासन प्रणाली। पर स्वाधीनता उससे कुछ ज्यादा व्यापक अर्थ देती है, जिसमें किसी भी प्रकार की अधीनता न हो। एक देश के रूप में हम अपने ही अधीन हों- एक नागरिक के रूप में, हम अपनी अंतरात्मा के अधीन हैं। अब प्रश्न यह है कि आज...

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