केन्द्र सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश भर में अक्टूबर 2014 से 9,093 करोड़ रुपए खर्च कर एक करोड़ 80 लाख्ा शौचालय बनवाए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अभियान को प्राथमिकता के तहत चलाने को कहा था, लेकिन नेशनल सैम्पल सर्वे ऑर्गनाइजेशन के आंकड़ों (NSSO) ने अभियान की सफलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्वच्छ भारत अभियान शुरू होने के बाद से शौचालयों का कितना उपयोग बढ़ा है,...
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यमुना का पानी देसी एंजाइम से बनेगा पीने लायक
अरुणेश, नोएडा। यमुना के पानी को सिंचाई के साथ-साथ पीने लायक बनाने का काम जोरशोर से हो रहा है। इसी क्रम में देसी एंजाइम अर्थात घरेलू साग-सब्जियों और गुड़ को मिलाकर तैयार किए गए कचरा का भंडारण किया जा रहा है। बाद में इसे पानी में डालकर उसे साफ करने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए दिल्ली और एनसीआर में श्री श्री रविशंकर के समर्थकों ने 50 हजार स्वयंसेवक का ग्रुप...
More »कहीं सहायक नदियां सूखीं तो कहीं जहरीली हो गईं
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सहायक नदियां भी दुर्दशा का शिकार हैं। रुहेलखंड में गंगा की सहायक नदी इतनी ज्यादा प्रदूषित हैं कि उसके पानी से फसलों को नुकसान पहुंच रहा है। गोमती की सहायक नदियों में पानी सूख चुका है। उत्तराखंड में गंगा की सहेलियों के लिए बिजली उत्पादन ने संकट पैदा कर दिया है। एक नजर- रुहेलखंड में रामगंगा प्रदूषण की शिकार बरेली। रुहेलखंड में गंगा की सहायक नदी रामगंगा...
More »चेन्नई बाढ़ : एक मानव निर्मित त्रासदी
चेन्नई की बाढ़ जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणामों का एक भयावह उदाहरण तो है ही, इससे हुई तबाही ने मानव समाज की खतरनाक गलतियों के नतीजों को भी रेखांकित किया है. हाल के वर्षों में उत्तराखंड, कश्मीर समेत देश के विभिन्न इलाकों में बाढ़ की त्रासदी का कहर लगातार बढ़ा है. तेज शहरीकरण और विकास की आपाधापी में सरकार और समाज प्राकृतिक तंत्रों को बेतहाशा बरबाद कर रहे हैं. नदियां...
More »स्वर्णरेखा नदी की 40 एकड़ जमीन गायब
हटिया. स्वर्णरेखा नदी और नदी तट की 40 एकड़ जमीन गायब है़ सरकारी जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण कर रिहायशी बस्ती बसा ली है़ हटिया के पास स्वर्णरेखा नदी महज पांच फीट बच गयी है़ सरकारी नक्शे के मुताबिक स्वर्णरेखा नदी की यहां चौड़ाई 40 फीट थी़. नदी तट से 200 फीट तक ग्रीन लैंड जमीन है़ यहां निर्माण कार्य नहीं हो सकते है,...
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