-न्यूजलॉन्ड्री, रविवार को इंडियन एक्सप्रेस अखबार में उत्तर प्रदेश सरकार का तीन पेज का विज्ञापन प्रकाशित हुआ है. पहले पेज पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आदमकद तस्वीर है जिसके साथ लिखा है, ‘ट्रांसफॉर्मिंग उत्तर प्रदेश अंडर योगी आदित्यनाथ’. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बदलाव की कहानी कहने के लिए इन विज्ञापनों में कई दावे किए गए हैं. पहले पेज के विज्ञापन में मुख्यमंत्री की तस्वीर के साथ ही एक...
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झारखंड: यहां राशन के लिए 30 किलोमीटर चलना पड़ता है पैदल: ग्राउंड रिपोर्ट
-बीबीसी, दो महीने का बच्चा कमर से बँधा हुआ है. मां के हाथ में खाली झोला है. सफ़र लंबा है और कहीं-कहीं बारिश हो रही है. बारिश से बेफिक्र नंगे पैर शनि हंसदा चली जा रही हैं. साथ में कुछ और औरतें भी हैं. विकलांग और बुज़ुर्ग भी. इस सफ़र में कई 'मुसाफ़िर' हैं. 30 किलोमीटर भी नंगे पैर पैदल चलने पर इन परिवारों को हर वयस्क सदस्य के हिसाब से राशन...
More »कोविड-19 लॉकडाउन: सरकार द्वारा जीडीपी में काफ़ी ज़्यादा वृद्धि का भ्रम फैलाया जा रहा है
-द वायर, विश्व बैंक के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने कहा है कि अप्रैल-जून 2021 के दौरान भारत की जीडीपी में 20.1 फीसदी की वृद्धि ‘चौंकाने वाली बुरी खबर’ है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी प्रचार मशीनरी इसे बड़े आर्थिक सुधार के रूप में दिखा रही है. आखिर क्यों एक ही आंकड़े का एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न मतलब निकाला जा रहा है? बसु ने इसे सरल शब्दों में बताया है. दरअसल अप्रैल-जून...
More »तालिबानी सरकार देश चलाने के लिए चीन पर निर्भर!
-न्यूजलॉन्ड्री, तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि उनकी सरकार वित्तीय सहयोग के लिए मुख्य रूप से चीन पर निर्भर होगी और चीन की मदद से वे देश का आर्थिक पुनर्निर्माण करेंगे. उन्होंने चीन को अपना मुख्य सहयोगी बताते हुए यह भी कहा कि तालिबान चीन द्वारा निर्मित हो रहे नए सिल्क रूट (बेल्ट-रोड परियोजना) को बहुत सम्मान के साथ देखता है. मुजाहिद चीन को अफगानिस्तान के लिए वैश्विक...
More »मोदी सरकार की 6 ट्रिलियन रु. की मौद्रीकरण योजना खतरों के बीच ख्वाब देखने जैसा क्यों है
-द प्रिंट, निजीकरण और ‘मौद्रीकरण’ में फर्क यह है कि निजीकरण में तो सरकार व्यवसाय से अलग हो जाती है, जबकि मौद्रीकरण सरकार को उसका सक्रिय खिलाड़ी बनाए रखता है. इस लिहाज से निजीकरण मौद्रीकरण से कहीं आसान है. फिर भी, निजीकरण के मामले में दुखद रिकॉर्ड (एअर इंडिया, भारत पेट्रोलियम आदि) रखने वाली और विनिवेश के लक्ष्य से कोसों पीछे रह गई सरकार मौद्रीकरण के जरिए चार साल में 6...
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