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महाराष्ट्र: प्रतिबंधित जीएम बीज बोने पर 12 किसानों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज

अकोला: प्रतिबंधित हर्बिसाइड-टॉलेरंट बीटी (एचटीबीटी) कपास के बीज की बुआई के आरोप में महाराष्ट्र के अकोला जिले के करीब12 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने बुधवार को इस बारे में बताया. आनुवांशिक रूप से संवर्द्धित (जेनेटिकली मोडिफाइड) बीटी (बेसिलस थूरिंगिएनसिस) कपास और बैंगन के बीज के इस्तेमाल पर केंद्र सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ शेतकारी संगठन द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन के तहत अडगांव और अकोली जहांगीर गांवों...

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राजनीतिक एजेंडे में पर्यावरण क्यों नहीं-- नवरोज के दुबाश

भारत में पर्यावरण की हालत काफी भयावह है। इससे जुड़े आंकडे़ परेशान करने वाले हैं। मसलन, देश की हर पांच में से तीन नदियां प्रदूषित हैं। ज्यादातर ठोस कचरों का निस्तारण नहीं किया जाता; यहां तक कि देश के समृद्ध हिस्सों में भी नहीं। मुंबई में 90 फीसदी, तो दिल्ली में 48 फीसदी कचरों का निस्तारण नहीं हो पाता। फिर, देश की तीन-चौथाई आबादी उन हिस्सों में बसती है, जहां...

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पर्यावरण की चिंता जरूरी-- जगदीश रत्तनानी

विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) लगभग आधी सदी पुरानी संस्था है. यह खुद को सार्वजनिक-निजी सहयोग करनेवाले अंतरराष्ट्रीय संगठन के रूप में पेश करती है और वैश्विक आर्थिकी सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है. अपने सफर की शुरुआत में इस मंच ने विश्व की एक हजार प्रमुख कंपनियों के लिए सदस्यता की एक व्यवस्था बनायी थी. स्वाभाविक है कि इसने अपने सालों के सफर में भविष्य पर विचार करने के लिए महंगी...

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चारधाम विकास योजना के तहत चल रही परियोजनाओं के निर्माण को सुप्रीम कोर्ट की मंज़ूरी

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड के चार शहरों को सभी मौसम में जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण के लिए सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम विकास योजना के तहत चल रही विभिन्न परियोजनाओं को शुक्रवार को अपनी मंजूरी दे दी. शीर्ष अदालत ने साथ ही स्पष्ट किया कि इस योजना के तहत रोकी गई परियोजनाओं के निर्माण का काम अगले आदेश तक रुका रहेगा. जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस विनीत शरण की पीठ...

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मौलिक अधिकारों का संघर्ष जारी, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार चार्टर के 70 साल

मनुष्यों के लिए नागरिक, सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक अधिकार मौलिक मानवाधिकारों की श्रेणी में आते हैं. विभिन्न रिपोर्टें इस बात की पुष्टि करती हैं कि दुनिया की एक बड़ी आबादी आज भी अपने बुनियादी अधिकारों के लिए संघर्षरत है और मानवाधिकार उल्लंघन का शिकार है. मानवाधिकार के पक्ष में आवाज बुलंद करने की जरूरत को समझते हुए कई देश संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में 70 साल पहले एकजुट...

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