SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 115

हादसे के बाद ही क्यों जागते हैं हम? - मिहिर आर भट्ट

इसके पहले बहुत कम ऐसा हुआ है कि भूकंप की किसी एक घटना ने इतने सारे इलाकों में इतनी सारी दरारें खोलकर हमारे सामने रख दी हों। धरती में भी, और आपदाओं का सामना करने की हमारी तैयारियों में भी। इस भूकंप ने नेपाल और भारत के एक बड़े हिस्से को सही मायनों में अपनी धुरी पर से 'हिलाकर" रख दिया है। इस भूकंप के बाद हमारे सामने कई मसले आन...

More »

पानी में पैसा: 537 करोड़ की योजना, 100 करोड़ खर्च, नतीजा 0

टना: गरमी में पेय जल संकट से शहरवासियों को निजात दिलाने के लिए 2010 में 420 करोड़ रुपये की जलापूर्ति योजना बनी. योजना पूरी नहीं हुई. 2012 में योजना लागत बढ़ कर 537 करोड़ हो गयी. तीन वर्ष बाद भी स्थिति वैसी ही है. शहरवासी फिर इस बार गरमी में जल संकट से जूङोंगे. वजह निगम क्षेत्र की 14 बोरिंग ठप है और नयी जलापूर्ति योजना अधर में है. निगम...

More »

धमतरी जिले में गंगरेल बांध के झरन से ग्रामीण बुझाते हैं प्यास

धमतरी। आज दुनिया कहां से कहां पहुंच गई है। लोग चांद पर भी बस्ती बसाने की बात सोचने लगे हैं। लेकिन धमतरी जिले में एक ऐसा गांव भी है, जहां के लोग झरन पानी यानी ऊंचे स्थान से रिसते झरनानुमा स्थान पर पाइप लगाकर पानी भरते हैं और उसे छानकर पीते हैं। क्योंकि गांव के हैंडपंप बंद हो गए है और बोर ने भी जवाब दे दिया है। जिला मुख्यालय से...

More »

पानी की आस: 40 लाख लोगों को मिलेगी जल संकट से राहत - बलिराम सिंह

नई दिल्ली. पेयजल संकट से परेशान दिल्ली की एक बड़ी आबादी को राहत देने के लिए लगभग 520 करोड़ रुपए की लागत से दो साल पहले मुनक कैनाल का निर्माण तो कर दिया गया, लेकिन आज भी इस कैनाल (नहर) में पानी नहीं आया। कैनाल में पानी आते ही दिल्ली के लगभग 80 एमजीडी क्षमता वाले तीन जल शोधन संयंत्र चालू हो जाएंगे और दिल्ली के लगभग 40 लाख लोगों...

More »

जलाशयों में अतिक्रमण से बढ़ा भूजल संकट

महोबा, जागरण संवाददाता : कबरई ब्लाक का खन्ना सर्वाधिक जल संकट ग्रस्त गांव है। रिमोट सेंसिंग टीम के सर्वे के मुताबिक यहीं एक हजार फिट गहराई तक नलकूप लगाने योग्य पानी नहीं है। बावजूद इसके ग्रामीण जलाशयों में अतिक्रमण कर मकान बना रहे हैं। इससे गांव के डार्क जोन में आने की रही सही कसर भी पूरी हो गई है। ग्राम प्रधान व सैकड़ो ग्रामीणों ने डीएम से सर्वोच्च न्यायालय...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close