लखनऊ में मंडी समिति भवन में हुए भीषण अग्निकांड में बुंदेलखंड पैकेज से बनीं साढ़े तीन अरब की मंडियों की फाइलें भी जलने का अंदेशा है। इन मंडियों के निर्माण में बड़े पैमाने पर धांधली होने की शिकायतें हुई थीं। कुछ में जांच भी शुरू हो गई थी। मंडियों का निर्माण 2013-14 में पूरा होना था, लेकिन अभी तक अधूरी हैं। करीब 3.35 अरब की लागत वाली मंडियों के निर्माण...
More »SEARCH RESULT
'मास्साब, कछु न कइयो, पढ़बै सो ठीक... न पढ़ै सो ठीक'
छतरपुर से रुमनी घोष। स्कूली परीक्षा में फेल होने पर बच्चों की खुदकुशियों से माता-पिता में खौफ में हैं। इतने खौफ में कि स्कूल पहुंचकर शिक्षकों के सामने गुहार लगाने लगे हैं कि "मास्साब, कछु न कइयो, पढ़बै सो ठीक... न पढ़ै सो ठीक। बस हमाई आंखन के सामने रओ आए।" ऐसे हालात बने हैं बुंदेलखंड में। वही बुंदेलखंड, जहां 12वीं में 75 फीसदी अंक आने के बावजूद 17 वर्षीय...
More »गर्मी की छुट्टियों में भी सूखाग्रस्त राज्यों में छात्रों को मिलता रहे मिड-डे मील: SC
देश के सूखा पीड़ित राज्यों में स्कूली छात्रों को अब भूखा नहीं रहना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश जारी कर कहा है कि देश में सूखे की मार झेल रहे इलाकों में स्कूली बच्चों को गर्मी की छुट्टियों के दौरान भी मिड डे मील मुहैया किया जाता रहे. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को आदेश दिया है कि वह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना(मनरेगा) का बकाया पैसा जल्द...
More »बुंदेलखंड-- भूख से कराह रहे सहरिया परिवार
सूखा क्या पड़ा, जैसे सहरिया परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। खेतों में कटाई कर उसमें गिरे-पड़े दानों को बीनकर और मेहनत-मजदूरी कर अपना जीवन-यापन करने वाला सहरिया समुदाय सूखे की जबरदस्त मार झेल रहा है। किसी ने खाने को दे दिया तो ठीक है, नहीं तो वह खाली पेट सोने को मजबूर हो जाते हैं। ग्राम पंचायत छपरट की सहरिया बस्ती के हालात यह हैं कि यहां के...
More »केंद्र के पानी को अखिलेश सरकार ने नकारा कहा- बुंदेलखंड में हालात लातूर जैसे नहीं
लखनऊ : केंद्र सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश के सूखा प्रभावित और जल संकट झेल रहे बुंदेलखंड इलाके को भेजी गई पानी की ट्रेन को अखिलेश सरकार ने स्वीकारने से इनकार कर दिया है. रेल मंत्रालय को इस बाबत यूपी सरकार ने एक पत्र लिखा जिसमें कहा गया है कि हमारे यहां लातूर के जैसे हालात नहीं हैं. हम यहां जल उपलब्ध कराने में सक्षम हैं. यदि हमें पानी...
More »