SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 560

किसान, महंगाई, रिजर्व बैंक

-आउटलुक,  “बेहतर होगा कि किसानों के मामले में भी लेवल प्लेइंड फील्ड सिद्धांत अपनाया जाए और कीमत नियंत्रण के लिए उनके हितों की बलि न दी जाए” भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मौद्रिक नीति की समीक्षा में रेपो रेट में 0.4 फीसदी की कटौती के साथ ही कई दूसरे अहम फैसले भी किए। इस मौके पर रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था, विकास दर और...

More »

इस साल विकास दर नकारात्मक रह सकती है : आरबीआई

-सत्याग्रह,  कोरोना वायरस से आर्थिक मंदी गहराने की चिंताओं के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि इस वित्तीय वर्ष में देश की विकास दर नकारात्मक रहने का अनुमान है. केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लॉकडाउन के चलते मांग और उत्पादन में भारी कमी आई है जिसके चलते अर्थव्यवस्था सिकुड़ेगी. शक्तिकांत दास ने इस संकट के से निपटने के लिए कई...

More »

क्या मोदी सरकार के आर्थिक पैकेज में बैठ चुकी अर्थव्यवस्था को खड़ा करने का दम है?

-सत्याग्रह, मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ रु के आर्थिक पैकेज से जुड़ी घोषणाओं का ब्योरा निपटाया ही था कि चर्चित अंतरराष्ट्रीय एजेंसी गोल्डमैन सैक्स बुरी खबर लेकर आ गई है. उसका कहना है कि भारत अब तक की सबसे बड़ी मंदी का सामना करने वाला है. गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि इस वित्तीय वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर में पांच फीसदी की गिरावट आएगी. गोल्डमैन सैक्स ने अपने...

More »

रेड जोन में रहते हैं बैंकों के दो तिहाई कर्जदार

-इंडिया टूडे, कोविड-19 के असर से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की आज तीसरी किस्त आ गई. सरकार की ओर से अब तक जारी राहत पैकेज के केंद्र में बैंक हैं, नकदी है और कर्ज है. सरकार की कोशिश यह है कि सिस्टम में नकदी का प्रवाह कर उसे बैंकों के रास्ते जनता तक पहुंचाया जाए. यही दवा रेहड़ी वालों...

More »

संकटों को अवसर बना लेने वाले मुल्क अपनी अगली पीढ़ियों को एक तपी-निखरी दुनिया सौंपते हैं

-इंडिया टूडे, बीसवीं सदी की महामंदी, 1991 के भारतीय आर्थिक संकट और 2008 की ग्लोबल बैंकिंग आपदा का इतिहास हमें कुरेद-कुरेद कर बताता है कि अंतत: वही जीतते हैं जो एक अच्छी आपदा को बर्बाद नहीं करते. संकटों को अवसर बना लेने वाले मुल्क अपनी अगली पीढि़यों को एक तपी-निखरी दुनिया सौंपते हैं. बड़े बदलाव के लिए किसी बड़े संकट का इंतजार था तो मुराद अब पूरी हो गई है. संकट में...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close